उल्लेखनीय है कि गत 6 अगस्त को सिलीगुड़ी के निकट माटिगाड़ा स्थित एक निजी अस्पताल में प्रवीण अग्रवाल की मौत हो गयी. उनकी मौत के बाद उनके परिजनों ने पांच लोगों पर उनकी हत्या का आरोप लगाकर भक्ति नगर थाने में एक शिकायत दर्ज करायी थी. मृत प्रवीण अग्रवाल अपने परिवार के साथ भक्ति नगर थाना अंतर्गत हैदरपाड़ा स्थित यशोदा अपार्टमेंट में रहते थे. उनके भाई नवीन अग्रवाल ने बताया कि अपार्टमेंट के रखरखाव व सुरक्षा के लिए एक कमिटी बनायी गयी ती. अपार्टमेंट के अन्य सदस्यों की तरह प्रवीण भी रखरखाव के खर्च का भुगतान किया करते थे. जबकि कमिटी के कुछ सदस्य अपार्टमेंट के सदस्यों से रखरखाव के नाम पर रुपया वसूल कर शराब-मीट की पार्टियां करते थे.
अपार्टमेंट में अधिकतर मारवाड़ी व शाकाहारी लोगों के होने के बाद भी टेरेस पर शराब की बोतल और मांस के टुकड़े पाये जाते थे. नवीन अग्रवाल ने बताया कि भाईसाहब हमेशा से इन गतिविधियों का विरोध करते थे. उनका कहना था कि रखरखाव के लिए वसूला गया रुपया उसी मद में खर्च होना चाहिए. भाईसाहब के इस रुख से कमिटी सदस्यों को परेशानी होती थी, क्योंकि अपार्टमेंट में रहनेवाले लोग भाईसाहब का समर्थन करते थे.
5 अगस्त की रात भाईसाहब रात के करीब दस बजे घर लौटे. उसी समय पांच कमिटी सदस्य उपकार सिंह, दीपक रूंगटा, अतुल शर्मा, बाबूलाल शर्मा और संजय शर्मा के साथ उनका इस संबंध में विवाद हो गया. इन पांचों ने मिलकर लोहे की छड़ से उन पर हमला किया. इस हमले में उनके सिर पर गहरी चोट आयी. पांचों आरोपी उन्हें अधमरी अवस्था में छोड़कर फरार हो गये. परिजनों ने उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. फिर डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें माटिगाड़ा स्थित एक अस्पताल मे भर्ती कराया गया. जहां 6 अगस्त की दोपहर करीब तीन बजे उन्होंने दम तोड़ दिया. उनकी मौत के बाद परिजनों ने भक्ति नगर थाने में इन पांचों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया.
दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने बाबूलाल शर्मा और संजय शर्मा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाकी तीन आरोपी पुलिस रिकॉर्ड मे अब भी फरार हैं. आरोपी पक्ष का कहना है कि प्रवीण अग्रवाल समय पर रखरखाव के लिये रुपया नहीं देते थे. इसी को लेकर 5 अगस्त की शाम अपार्टमेंट में एक बैठक बुलायी गयी थी, लेकिन वह उस बैठक में उपस्थित नहीं हुए. बल्कि देर रात घर लौटने पर जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो अनाप-शनाप बकने लगे. इसी बात को लेकर विवाद हुआ. लेकिन उनके साथ मारपीट कर अधमरी अवस्था में छोड़कर फरार होने के संबंध में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं.
वहीं मृत प्रवीण अग्रवाल के भाई नवीन अग्रवाल ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भाईसाहब समय पर रखरखाव खर्च दिया करते थे. उन्होंने सबूत के तौर पर भुगतान की रसीदें भी पेश कीं. इस बीच दो गिरफ्तार आरोपियों को अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया. हत्याकांड के करीब तीन माह गुजरने के बाद भी पुलिस तीन फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रही है. इन तीनों को गिरफ्तार करने का वारंट भी जारी किया गया था. हाल ही में जलपाईगुड़ी अदालत ने यशोदा अपार्टमेंट में एक इश्तेहार चस्पा किया है. इस इश्तेहार में अदालत ने तीनों आरोपियों उपकार सिंह, दीपक रूंगटा और अतुल शर्मा को आगामी 22 दिसंबर तक अदालत में पेश होने को कहा है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी (पूर्व) देन्दुप शेरपा ने बताया कि पुलिस ने उन तीनों आरोपियों की काफी तलाश की, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पायी. हालांकि बीच-बीच में उनके सिलीगुड़ी में होने की खबर मिलती रही है. इसके बाद अदालत ने इन्हें आत्मसमर्पण का एक मौका दिया है. अदालत द्वारा मुकर्रर तारिख तक आत्मसमर्पण ना करने पर इनकी संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू होगी.