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कला की कोई सीमा नहीं होती : ओम पुरी

सिलीगुड़ी. कला की कोई सीमा नहीं होती. यदि कलाकारों को सीमा में बांध दिया जाये, तो भारतीय कलाकार भी विदेशों में काम नहीं कर सकेंगे. भारत में पाकिस्तानी कलाकार को लेकर मुंबई के अलावा और कहीं भी हाय-तौबा नहीं है. मुंबई में जो लोग भी पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध कर रहे रहे हैं, वह पूरी […]

सिलीगुड़ी. कला की कोई सीमा नहीं होती. यदि कलाकारों को सीमा में बांध दिया जाये, तो भारतीय कलाकार भी विदेशों में काम नहीं कर सकेंगे. भारत में पाकिस्तानी कलाकार को लेकर मुंबई के अलावा और कहीं भी हाय-तौबा नहीं है. मुंबई में जो लोग भी पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध कर रहे रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है. अगर विरोध करता है तो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और वहां की सेना का विरोध होना चाहिए. ये बातें प्रख्यात फिल्म तथा टीवी अभिनेता ओम पुरी ने कहीं. वह सिलीगुड़ी में रेडियो मिष्टी द्वारा आयोजित बीबीसी एक मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पत्रकार राजेश जोशी तथा आम लोगों के सवालों का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों को जितना सम्मान यहां मिलता है, उतना ही सम्मान भारतीय कलाकारों को भी पाकिस्तान में मिलता है. उन्होंने कई पाकिस्तानी फिल्मों में काम किया है. प्रख्यात टीवी सीरियल ‘भारत एक खोज’ तथा ‘अर्द्धसत्य’ एवं ‘नरसिम्हा’ जैसे फिल्मों के अभिनेता रहे ओम पुरी ने काला धन तथा नोटबंदी पर भी खुलकर अपना विचार रखा. उन्होंने कहा कि काला धन रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कदम उठाया है, वह सही है लेकिन तरीका पूरी तरह से गलत है. बैंकों में पैसे बदलवाने अथवा पैसे निकालने के लिए आम लोग धक्के खा रहे हैं. लाइनों में भारी संख्या में आम लोग ही खड़े रह रहे हैं और काला धन रखने वाले लोग इन लाइनों में कहीं भी नहीं दिख रहे. यदि प्रधानमंत्री को नोटबंदी का फैसला करना ही था, तो इसकी पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए थी. यदि सभी बैंकों एवं एटीएम में नये नोट उपलब्ध करा दिये जाते, तो आम लोगों को इतनी परेशानी नहीं होती. श्री पुरी ने अपने फिल्मी कैरियर के साथ ही पारिवारिक जीवन, बचपन एवं समय-समय पर दिये गये चर्चित बयानों पर खुलकर चरचा की.

हाल ही में सैनिकों पर दिये अपने एक बयान से विवाद में आये श्री पुरी ने इस पर भी अपनी सफाई दी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि किसने कहा कि आप फौज में जाओ. उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. उन्होंने माना कि उनसे गलती हुई. बाद में जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह लखनऊ में शहीद फौज के परिवार वालों से मिले. उन्होंने शहीद के परिवार को 10 लाख रुपये का चेक भी दिया था, लेकिन कहीं भी इसकी चरचा नहीं की. इस कार्यक्रम के दौरान रेडियो मिष्टी के सीईओ निशांत मित्तल तथा वाइस प्रेसीडेंट दिलीप दुग्गड़ भी उपस्थित थे.

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