बिजली वितरण कंपनी के जलपाईगुड़ी के डिवीजनल मैनेजर एसके देव ने बताया है कि विद्युत चोरी रोकने के लिए ही इतने कम पैसे में बिजली का कनेक्शन देने का निर्णय हुआ है. इसके साथ ही बिजली चोरी की घटना रोकने के लिए भी नये सिरे से अभियान चलाया जायेगा.
हुकिंग कर बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इस बीच, विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हुकिंग तथा मीटर में गड़बड़ी कर बिजली चोरी के कई मामले सामने आये हैं. खासकर माल बाजार डिवीजन इलाके में बिजली चोरी की घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. पिछले महीने अभियान चलाकर 30 लोगों को पकड़ा गया था. इन लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत भी दर्ज करायी गई है तथा 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. डिवीजनल मैनेजर एसके देव ने बताया है कि सिर्फ हुकिंग के जरिये ही नहीं, अपितु मीटर में गड़बड़ी करके बिजली की चोरी हो रही है. कई ग्राहक मीटर से अलग तार निकाल कर बिजली की चोरी कर रहे हैं. इससे विभाग को 40 प्रतिशत का नुकसान माल बाजार इलाके में हुआ है. अगर पूरे जलपाईगुड़ी जिले की बात करें तो 30 प्रतिशत की बिजली चोरी हो जाती है. उन्होंने आगे कहा कि माल बाजार इलाके में कई चाय बागान हैं. इसी वजह से वहां बिजली की अधिक चोरी होती है. इस प्रकार की प्रवणता को रोकने के लिए ही मात्र 379 रुपये में बिजली कनेक्शन देने का निर्णय लिया गया है. इससे बिजली चोरी की घटनाएं रूकेगी.
कम खर्च पर बिजली मिलने से लोग बिजली चोरी न कर नया कनेक्शन ले लेंगे. आम लोगों के बीच इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. पैसे जमा देने पर आवेदन करने के तीन दिनों के अंदर ही बिजली का कनेक्शन दे दिया जायेगा. जिन स्थानों पर बिजली के पोल नहीं हैं, वहां बिजली कनेक्शन देने में देरी हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि आम लोगों को ऐसा लगता है कि बिजली कनेक्शन लेने में काफी पैसे खर्च होंगे.
इसी वजह से ऐसे लोग चाह कर भी बिजली का कनेक्शन नहीं लेते. आम लोगों की इसी धारणा को बदलने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा बिजली की चोरी रोकने के लिए सिक्यूरिटी एवं लॉस प्रिवेंशन युनिट को भी मजबूत किया गया है. इसी युनिट के माध्यम से बिजली चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. जिले में कुल 15 कस्टमर केयर सेंटर भी खोले जा रहे हैं. आम लोग इन सेंटरों को बिजली चोरी की जानकारी दे सकते हैं. श्री देव ने कहा कि 379 रुपये में बिजली कनेक्शन दिये जाने के निर्णय के बाद बिजली चोरी की घटनाओं में काफी कमी आने की उम्मीद है.