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आज सिलीगुड़ी आयेंगे नये उत्तर बंगाल विकास मंत्री

सिलीगुड़ी. राज्य में चुनावी गहमा-गहमी खत्म होने के बाद तृणमूल के सत्ता संभालते ही सभी नवनियुक्त मंत्री अपने काम में जुट गये हैं. कोलकाता में शपथ ग्रहण के बाद सभी मंत्रियों एवं नेताओं का अपने-अपने क्षेत्र में जाने का क्रम शुरू हो गया है. अगले दो दिनों में सिलीगुड़ी में भी मंत्रियों एवं नेताओं का […]

सिलीगुड़ी. राज्य में चुनावी गहमा-गहमी खत्म होने के बाद तृणमूल के सत्ता संभालते ही सभी नवनियुक्त मंत्री अपने काम में जुट गये हैं. कोलकाता में शपथ ग्रहण के बाद सभी मंत्रियों एवं नेताओं का अपने-अपने क्षेत्र में जाने का क्रम शुरू हो गया है.
अगले दो दिनों में सिलीगुड़ी में भी मंत्रियों एवं नेताओं का जमावड़ा लगेगा. कोलकाता के बाद सिलीगुड़ी को सबसे महत्वपूर्ण शहर माना जाता है और इस शहर का विकास महत्वपूर्ण राजनीतिक केन्द्र के रूप में भी हुआ. दक्षिण बंगाल में सत्ता की धुरी कोलकाता तो उत्तर बंगाल में सत्ता की धुरी सिलीगुड़ी शहर है.

34 वर्षों तक वाम मोरचा के शासनकाल में करीब 20 वर्षों तक उत्तर बंगाल के सत्ता का प्रमुख केन्द्र सिलीगुड़ी रहा. तब सिलीगुड़ी के वर्तमान विधायक वाम मोरचा सरकार में मंत्री हुआ करते थे. उन्हें उत्तर बंगाल का अघोषित मुख्यमंत्री माना जाता था. वह अपना अधिकांश वक्त सिलीगुड़ी में बिताते थे और सत्ता की धुरी उनके इर्द-गिर्द घुमती थी. 2011 में राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद तृणमूल की सरकार बनी और उत्तर बंगाल में सत्ता का प्रमुख केन्द्र सिलीगुड़ी ही रहा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सत्ता संभालते ही उत्तर बंगाल के विकास के लिए उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय के नाम से एक नये मंत्रालय का गठन कर दिया और गौतम देव इसके मंत्री बने. पांच वर्षों के शासनकाल में गौतम देव भी एक तरह से उत्तर बंगाल के अघोषित मुख्यमंत्री थे. उन्होंने राज्य में मिनी सचिवालय उत्तरकन्या का निर्माण करवाया और यहां तक कि हिलकार्ट रोड पर अलग से उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय का भवन बना दिया. वह भी अधिकांश समय सिलीगुड़ी में देते थे.

राज्य में दोबारा तृणमूल के सत्ता में आने के बाद उत्तर बंगाल के सत्ता का केन्द्र शायद अब सिलीगुड़ी नहीं रहे. गौतम देव के स्थान पर नाटाबाड़ी के तृणमूल विधायक रबीन्द्रनाथ घोष उत्तर बंगाल विकास मंत्री बने हैं. गौतम देव को पर्यटन मंत्री बना दिया गया है. मंत्री बनने के बाद श्री घोष कल बृहस्पतिवार को पहली बार सिलीगुड़ी आ रहे हैं. सिलीगुड़ी में वह पहले तृणमूल कार्यालय जायेंगे और वहां पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक करेंगे. उसके बाद वह उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय की ओर रूख करेंगे. श्री घोष का कहना है कि वह सिर्फ सिलीगुड़ी ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल के सभी जिलों में अपने मंत्रालय के कार्यालयों की स्थापना करेंगे. उन्होंने पूरे उत्तर बंगाल के विकास का वादा भी किया है. उन्होंने कहा है कि वह उत्तर बंगाल के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा तैयार कर चुके हैं. इस बीच, उत्तर बंगाल के एक और दिग्गज तथा पर्यटन मंत्री गौतम देव इस महीने की सात तारीख को सिलीगुड़ी आ रहे हैं.
समर्थकों ने उनके स्वागत की जबरदस्त तैयारी की है. तृणमूल कांग्रेस के जिला नेताओं का कहना है कि गौतम देव की स्वागत की जबरदस्त तैयारी की जा रही है. एक ओर जहां गौतम देव सात तारीख को सिलीगुड़ी पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी माकपा विधायक तथा सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य तीन तारीख को ही सिलीगुड़ी पहुंच जायेंगे. अशोक भट्टाचार्य विधायक पद की शपथ लेने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मिले थे. उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है. अशोक भट्टाचार्य ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर सिलीगुड़ी के विकास को लेकर चरचा करना चाहते हैं.

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