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गंगतोक का दोगुना भाड़ा वसूल रहे गाड़ी चालक

सिलीगुड़ी: पर्यटन के इस मौसम में पर्यटक परेशान हैं. सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग, गंगतोक जानेवाली छोटी गाड़ियां पर्यटकों से मनमाना भाड़ा वसूल रही हैं. इस बारे में गाड़ी चालकों का तर्क भी लाजवाब है. उनका कहना है कि इसी मौसम में थोड़ी कमाई करने का मौका मिलता है. जब हवाई जहाज वाले मनमाना भाड़ा वसूल सकते […]

सिलीगुड़ी: पर्यटन के इस मौसम में पर्यटक परेशान हैं. सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग, गंगतोक जानेवाली छोटी गाड़ियां पर्यटकों से मनमाना भाड़ा वसूल रही हैं. इस बारे में गाड़ी चालकों का तर्क भी लाजवाब है. उनका कहना है कि इसी मौसम में थोड़ी कमाई करने का मौका मिलता है. जब हवाई जहाज वाले मनमाना भाड़ा वसूल सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?

गर्मी में पहाड़ जानेवाले पर्यटकों की भीड़ कुछ अधिक ही होती है. इसका फायदा गाड़ी वाले उठा रहे हैं. पर्यटकों का आरोप है कि सिलीगुड़ी से गंगतोक, दार्जिलिंग, मिरिक आदि के लिए सूमो आदि छोटी गाड़ियां दोगुना तक भाड़ा वसूल रही हैं. दिल्ली निवासी मुकेश झा अपने परिवार के साथ गंगतोक घूमने सिलीगुड़ी पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी में उनकी ससुराल है. सिलीगुड़ी जंक्शन से जब वह गंगतोक के लिए एक सूमो में सवार हुए तो सूमो वाले ने उनसे गंगतोक के लिए 650 रुपये प्रति व्यक्ति की मांग की. वापस लौटते समय भी उन्हें 600 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से भाड़ा देना पड़ा. जबकि सिलीगुड़ी से गंगतोक तक का भाड़ा आम तौर पर 300 रुपये प्रति सवारी है. वहीं यदि यात्री सिक्किम ट्रांसपोर्ट की बस में सफर करे तो मात्र 140 रुपये में गंगटोक पहुंच सकता है.

ऐसा ही आरोप गंगतोक के एक सरकारी बैंक के कर्मचारी दीपक चौधरी का है. वह सिलीगुड़ी से सटे देवीडांगा इलाके के निवासी है. पिछले करीब डेढ वर्ष से गंगटोक के एक सरकारी बैंक में कार्यरत हैं. उनका कहना है कि पहले उन्हें सिलीगुड़ी से गंगतोक जाने के लिए सूमो वाले को 300 रुपये भाड़ा देना पड़ता था. लेकिन पिछले दो महीने से सूमो का भाड़ा दोगुना हो गया है. पिछले शनिवार को घर आने के लिए उन्हें 600 रुपये भाड़ा देना पड़ा. समस्या यह है कि सिक्किम ट्रांसपोर्ट की बस का समय निर्धारित है. इस समय से पहले या बाद में यात्रियों को सूमो आदि का ही सहारा है. इसके अतिरिक्त जो पर्यटक आते हैं, उनमे से अधिकतर को बस का समय मालूम नहीं है.
जेब ढीली करने के बाद भी यात्री परेशान
मनमाना भाड़ा चुकाने के बाद भी पर्यटकों की परेशानी कम नहीं होती. पर्यटकों का आरोप है कि सिलीगुड़ी की टूरिस्ट गाड़ियों को दार्जिलंग में घूमने नहीं दिया जाता है. सभी जगह सिंडीकेट राज चल रहा है. सिलीगुड़ी से गाड़ी लेकर दार्जिलिंग पहुंचने के बाद पर्यटकों को वहां की गाड़ियों से ही घूमना पड़ता है. बार-बार गाड़ी बदलने से पर्यटकों को काफी परेशानी होती है. इधर, सिक्किम सरकार ने बंगाल की गाड़ियों के गंगतोक शहर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है. सिक्किम सरकार का कहना है कि यदि मैदानी इलाकों की गड़ियां यहां घूमने लगीं, तो स्थानीय गाड़ी मालिकों और चालकों का क्या होगा. समस्या यह है कि पर्यटक सिलीगुड़ी से निजी गाड़ी बुक कर दार्जिलिंग या गंगतोक पहुंचते है. इसके बावजूद उन्हें स्थानीय गाड़ियों में ही घूमना पड़ता है. सिक्किम तो भिन्न राज्य है, लेकिन बंगाल की गाड़ियों को ही बंगाल में घूमने पर रोक की बात समझ से बाहर है.
एयरलाइन और गाड़ियों के लिए नियम समान हो
ईस्टर्न हिमालयान टूर एंड ट्रेवल एसोसिएशन के सदस्य जयंत मजूमदार ने मनमाना भाड़ा वसूली को अनुचित ठहराया है. लेकिन उनका कहना है कि प्रशासन को एकसमान नियम बनाना चाहिए. एक तरफ हवाई जहाज कंपनियां मनचाहा किराया वसूल सकती हैं, तो हम टैक्सी चालक क्यों नहीं. जिस तरह एयरलाइन यात्रियों को पहले ही भाड़ा बताती है, उसी तरह टैक्सी वाले भी पहले ही भाड़ा बता देते है. फिर इसमें गलत क्या है? सरकार को सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए समान नियम बनाना चाहिए. पहाड़ पर समतल की गाड़ियों को अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि स्थानीय चालक अपना राज समझते हैं. समतल की गाड़ियों को वहां घूमने नहीं देते. पर्यटकों को वहीं की गाड़ियों से भ्रमण करना पड़ता है, जबकि पहाड़ की गाड़िया समतल में सर्वत्र घूमती हैं. उन्होंने एक और समस्या का उल्लेख किया. पहाड़ के चालक यात्री को लेकर सिलीगुड़ी पहुंचते है. और फिर लौटते समय दूसरे यात्रियों को कम किराये पर लेकर चले आते हैं. इससे उन्हें दोगुना मुनाफा होता है. दूसरी तरफ यात्री समतल की गाड़ियों से पहाड़ पर जाना नहीं चाहते.
सिक्किम सरकार से की जा रही है बात : सुनील
इस संबध में पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक सुनील अग्रवाल ने कहा कि राज्य स्तर से सिक्किम से बातचीत जारी है. बंगाल सरकार की ओर से सिक्किम को एक पत्र भी भेजा गया है. हम मसले के समाधान के लिए हम प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन परिसर में टैक्सी बूथ बनाया गया है. पर्यटक वहां से गाड़ी बुक करायें. दार्जिलिंग के जिला अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पीक सीजन में निजी गाड़ी चालक अधिक भाड़ा वसूलते हैं जो कि अनुचित है. इसके अलावा समतल की गाड़ियों को पहाड़ पर समस्या होती है. इस संबध में सिक्किम सरकार का अपना अलग नियम है. उन्होंने बताया कि वे इस मामले की जांच कर उपयुक्त कदम अवश्य उठायेंगे.

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