इससे निपटने के लिए विरोधियों ने एक ‘महाजोट’ तैयार किया है. कांग्रेस और वाम मोरचा के घटक दलों के अलावा और भी कई पार्टियां इस महाजोट में शामिल हुई है. सबसे बड़ी बात यह है कि बिमल गुरूंग के नेतृत्व वाली गोजमुमो तथा झामुमो भी इस महाजोट में शामिल है. इन तमाम पार्टियों के नेताओं ने नागराकाटा के धर्मशाला में एक बैठक की. बैठक को संबोधित करते हुए विभिन्न दलों के नेताओं ने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के समर्थक अति उत्साह में हैं और विरोधियों पर हमले कर रहे हैं.
इन नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ है. नागराकाटा तथा मटेली ब्लॉक के विभिन्न इलाकों में कांग्रेस तथा माकपा समर्थकों के साथ मारपीट की घटना घटी है. इसके अलावा पार्टी कार्यालयों में भी तोड़फोड़ की गई है और कई पार्टी कार्यालयों पर तृणमूल के लोगों ने कब्जा कर लिया है. ऐसे में जरूरी है कि तृणमूल विरोधी तमाम राजनीतिक दल एक होकर इस आतंक का मुकाबला करें. बैठक में माकपा की ओर से रामलाल मुर्मू, मणिकुमार दर्नाल, काइला सोनार, पीपीपी के दिनेश उरांव, पीटीडब्यूयू के संतोष हाती, विकास छेत्री तथा अन्य नेता उपस्थित थे.
कांग्रेस नेता जोसेफ मूंडा तथा माकपा के रामलाल मुर्मू ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव नतीजा घोषित होने के बाद विरोधी दलों के तमाम नेता एवं समर्थक डरे हुए हैं. कहीं पार्टी कार्यालयों पर हमला हो रहा है, तो कहीं समर्थकों के साथ मारपीट की जा रही है. पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे बैठी है. ऐसी परिस्थिति में तृणमूल से मुकाबला करने के लिए ही इस ‘महाजोट’ का गठन किया गया है. हालांकि आज की बैठक में कोई कमेटी नहीं बनायी गई है.
इधर, तृणमूल के नागराकाटा ब्लॉक के कार्यकारी अध्यक्ष असीताभ बसु ने कहा कि विरोधी तृणमूल के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं. चुनाव में बुरी तरह से हार के बाद विरोधी दलों का अस्तित्व खतरे में है. वह लोग स्वयं ही पार्टी कार्यालय तोड़ रहे हैं और तृणमूल पर इसका आरोप लगा रहे हैं.