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चुनाव बाद हिंसा ने उत्तर बंगाल को भी लपेटा

सिलीगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा होने के बाद से दक्षिण बंगाल में कई स्थानों पर संघर्ष की घटना घटी है. जिसमें कांग्रेस तथा माकपा समर्थकों के साथ मारपीट की गई है और कई पार्टी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया गया है. अब तक यह घटना दक्षिण बंगाल तक ही सीमित थी लेकिन अब […]

सिलीगुड़ी. राज्य विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा होने के बाद से दक्षिण बंगाल में कई स्थानों पर संघर्ष की घटना घटी है. जिसमें कांग्रेस तथा माकपा समर्थकों के साथ मारपीट की गई है और कई पार्टी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया गया है. अब तक यह घटना दक्षिण बंगाल तक ही सीमित थी लेकिन अब राजनीतिक संघर्ष के इस आग ने उत्तर बंगाल को भी अपने कब्जे में ले लिया है. उत्तर बंगाल के कई जिलों में यह तांडव जारी है.

तमाम हमलों के आरोप राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों पर लग रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 48 घंटों के दौरान उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर तथा मालदा में राजनीतिक संघर्ष की कई घटनाएं घटी है. खासकर कूचबिहार जिले में इसका असर अधिक देखने को मिल रहा है. माकपा तथा कांग्रेस के कई कार्यालयों पर तृणमूल समर्थकों ने कब्जा कर लिया है और कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया है. कई इलाकों में लूट-पाट की भी घटना घटी है.

कूचबिहार जिले के दिनहाटा एक नंबर ब्लॉक के गीतालदह एक नंबर ग्राम पंचायत के अधीन खारिजा हरिदास गांव में तृणमूल कांग्रेस तथा कांग्रेस समर्थकों के बीच संघर्ष की घटना हुई है. यहां कांग्रेस समर्थकों के दो घरों को आग के हवाले कर दिया गया है. मारपीट की घटना में दो महिला सहित सात लोग घायल हो गये हैं. इन लोगों को दिनहाटा महकमा अस्पताल में भरती कराया गया है. पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. कांग्रेस नेता तथा पूर्व विधायक केशव राय ने इस घटना के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उल्टे कांग्रेस समर्थकों की ही गिरफ्तारी की जा रही है. फॉरवार्ड ब्लॉक नेता नृपेन्द्र नाथ राय ने भी तृणमूल समर्थकों को कटघरे में खड़ा किया है. उनका कहना है कि गठबंधन समर्थकों पर लगातार हमले किये जा रहे हैं और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.


दूसरी तरफ राजनीतिक संघर्ष की इस घटना से पुलिस अधिकारियों की भी चिंता काफी बढ़ गई है. जिला पुलिस अधीक्षक सुनील यादव ने सभी थाने के आईसी तथा ओसी को राजनीतिक संघर्ष रोकने के लिए कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि इस तरह की घटना में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. कूचबिहार जिले में और भी कई स्थानों पर संघर्ष होने की खबर है.

इधर, जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी थाना अंतर्गत कटहलबाड़ी इलाके में माकपा समर्थकों के घर में तोड़फोड़ की घटना घटी है. इसका आरोप भी तृणमूल पर लगा है. हालांकि तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. एक नंबर ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष मनोज राय का कहना है कि चुनाव में बुरी तरह से हारने के बाद माकपा तृणमूल को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. जलपाईगुड़ी जिले के ही रानीनगर इलाके में भी संघर्ष की घटना घटी है. यहां माकपा के ट्रेड यूनियन संगठन सीटू के कार्यालय में बदमाशों ने तोड़फोड़ की है. फूलबाड़ी के कामरांगागुड़ी में भी कांग्रेस नेता शंकर घोष के घर पर हमला हुआ है. उत्तर दिनाजपुर तथा मालदा जिले में भी संघर्ष की कई घटनाएं घटी हैं

प्राप्त जानकारी के अनुसार, चोपड़ा थाना अंतर्गत लखीमपुर गांव में तृणमूल तथा माकपा समर्थकों के बीच संघर्ष की घटना घटी. इसमें तृणमूल के चार तथा माकपा के दो समर्थक घायल हो गये. इन सभी लोगों को चोपड़ा अस्पताल में भरती कराया गया है. तृणमूल नेता तथा चोपड़ा के विधायक हमीदुल रहमान ने इस हमले के लिए माकपा को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा है कि बुरी तरह से चुनाव हारने के बाद माकपा के लोग तृणमूल समर्थकों पर हमले कर रहे हैं.


राजनीतिक संघर्ष की घटना मालदा में भी हुई है. गाजोल में कांग्रेस समर्थकों के साथ मारपीट की गई है और माकपा कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना घटी है.
संघर्ष की इस घटना में कांग्रेस तथा माकपा के कई समर्थक घायल हो गये हैं. इन लोगों को गाजोल अस्पताल में भरती कराया गया है.

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