सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी से सटे पश्चिम जोटियाकालि के सात प्रधान पाड़ा गांव इन दिनों गायों की लाशों के ढेर पर बसा है. गांव के पास ही खुले मैदान में लावारिस पड़े करीब 30-40 गायों की लाशों से पूरे गांव में दुर्गंध फैलने से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि न […]
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी से सटे पश्चिम जोटियाकालि के सात प्रधान पाड़ा गांव इन दिनों गायों की लाशों के ढेर पर बसा है. गांव के पास ही खुले मैदान में लावारिस पड़े करीब 30-40 गायों की लाशों से पूरे गांव में दुर्गंध फैलने से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि न तो वह लोग ठीक ढंग से सांसे ले सकते हैं और न ही खाना-पीना. खाना खाने के दौरान कभी-कभी इतनी तेज दुर्गंध फैलती है कि लोगों को उल्टियां तक हो जाती है.
खासकर बच्चे और वृद्ध हमेशा बीमार रहते हैं. एक ग्रामीण अफसर अली का कहना है कि प्रधान व प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम न उठाने से अब हमें गांव में जानलेवा बीमारी फैलने का डर सता रहा है. उनका कहना है कि अगर महामारी फैलती है तो केवल सात प्रधान पाड़ा ही नहीं, बल्कि इससे सटे न जाने कितने ही गांव तबाह हो जायेंगे कोई अनुमान नहीं लगा सकता. महामारी फैलने की आशंका से ग्रामीण काफी आतंकित हैं.
एक ग्रामीण महिला रहिमा बेगम का कहना है कि अब तो गांव के कुत्ते भी मृत गायों का मांस खाकर वहशी हो गये हैं. दो दर्जन से भी अधिक वहशी कुत्तों का जमघट हमेशा गायों के लाशों के ढेर के आस-पास ही लगा रहता है. इन कुत्तों ने तो अब अपना अड्डा ही इस ढेर के पास रास्ते किनारे एक छोटी पोखरी व बास झाड़ की झुरमुट में बना रखा है. रहिमा का कहना है कि ये वहशी कुत्ते राह चलते लोगों पर जानलेवा हमला करने से भी बाज नहीं आते. अब-तक न जाने कितने ही ग्रामीणों को इन कुत्तों ने अपना शिकार बनाया है. कुत्तों के अड्डे वाली सड़क पर चलने से भी ग्रामीण कतराने लगे हैं.
कुत्ते के जानलेवा हमले से भी ग्रामीण काफी आतंकित हैं. एक अन्य ग्रामीण महिला जमिरन खातुन ने बताया कि ये कुत्ते हमारे फसलों को भी नष्ट करने से बाज नहीं आते. कुत्ते जमीन पर लगे फसल पाट, धान व अन्य फसलों को कुरेद-कुरेद कर जहां नष्ट कर देते हैं वहीं, दौड़-दौड़ कर रौंद डालते हैं. मृत गायों की लाशों को इस तरह लापरवाही से फेंकने को लेकर इलाके के ही तणमूल के दबंग नेता अय्यर हजि साहब पर ग्रामीणों का काफी गुस्सा दिखा.
गुस्साएं ग्रामीणों का कहना है कि अय्यर पेशे से गौ चमड़ों का कारोबारी है और तणमूल का दबंग नेता. वह मृत गायों के शरीर से चमड़े उखाड़ कर लाशों को यूं ही खुले में फेंक देते हैं. एक दिन उसने 19 गायों की लाशें एक साथ फेंक दी. कल रात को भी उसने अपने आदमियों को लाशें फेंकने के लिए भेजा था, तो ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ दिया और फेंकने नहीं दिया. घोर रात को उसने गायों को उसी जगह वापस फिकवा दिया. वह अपने रसूख के बल पर इस तरह गैर-जिम्मेदारी वाली हरकत महीनों से कर रहे हैं. इस ओर उचित कदम न उठाने को लेकर ग्रामीण पंचायत प्रधान व प्रशासन के प्रति आक्रोशित दिखे. ग्रामीणों ने जल्द ही प्रधान के दफ्तर का घेराव किये जाने की चेतावनी दी है. इस बाबत चमड़ा कारोबारी अय्यर हजि साहब से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन घर में मौजूद न होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका.
क्या कहना है पंचायत सदस्य का : क्षेत्र की माकपा पंचायत सदस्य नुर नहार बेगम का कहना है कि अय्यर हजि साहब को बोलने की हिमाकत कोइ नहीं कर सकता. उनका इलाके में काफी दबदबा है. उनसे सभी काफी डरते हैं. उनके पीठ पीछे सभी कोई काफी कुछ बोलते हैं लेकिन उनके सामने कोई नहीं बोलता. वह खुद इस बाबत कई बार उनसे संपर्क कर इस तरह गायों की लाशों को न फेंकने की गुजारिश कर चुकी है, लेकिन उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि केवल लाशों के फेंकने से ही नहीं, बल्कि वह गायों के चमड़े जहां काटते है और जिस गोदाम में जमा करते हैं वहां से भी सब समय दुर्गंध फैलता रहता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में ग्रामीणों से सामूहिक ज्ञापन देने को कहा है. ज्ञापन मिलते ही वह उसकी प्रतिलिपि प्रधान, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति को सौंपकर जल्द उचित व्यवस्था करायेंगी.