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सिलीगुड़ी नगर निगम. जोरदार हंगामें और हंसी-ठिठोली के बीच हुआ बोर्ड मीटिंग

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में सोमवार को जोरदार हंगामें और हंसी-ठिठोली के बीच तीन घंटे तक बोर्ड मीटिंग हुआ. विरोधी दल के तणमूल पार्षदों ने जहां कामदुनी आंदोलन की दो साहसी महिला मौसमी कयाल व टूंपा कयाल को निगम के खर्च पर सम्मान करने को बड़ा मुद्दा बनाया तो वहीं, निगम द्वारा बंगाल की युवतियों […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम में सोमवार को जोरदार हंगामें और हंसी-ठिठोली के बीच तीन घंटे तक बोर्ड मीटिंग हुआ. विरोधी दल के तणमूल पार्षदों ने जहां कामदुनी आंदोलन की दो साहसी महिला मौसमी कयाल व टूंपा कयाल को निगम के खर्च पर सम्मान करने को बड़ा मुद्दा बनाया तो वहीं, निगम द्वारा बंगाल की युवतियों के सम्मान को विरोधियों द्वारा ‘अनैतिकता’ बताने को बड़ा मुद्दा बनाया.

इन मुद्दों पर बोर्ड सदस्यों और विरोधियों के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई. इस दौरान कभी विरोधी नेताओं के वक्तव्य तो कभी बोर्ड नेताओं के वक्तव्य पर पार्षदों ने खूब मेजें थपथपायी और अपनी कुर्सियों पर उठते-बैठते रहे. बाद में चेयरमैन दिलीप सिंह ने विरोधियों से अनैतिकता शब्द वापस लेने की गुजारिश की. विरोधियों द्वारा वापस न लेने पर श्री सिंह ने अपने अधिकार का इस्तेमाल कर आज के बोर्ड मीटिंग से इस शब्द को निकाल दिया.

मेयर ने विरोधियों की बोलती बंद की ःमेयर अशोक भट्टाचार्य ने विरोधियों द्वारा उठाये मुद्दे फिजूल खर्ची का पायी-पायी का हिसाब दिया. साथ ही पिछली तणमूल-कांग्रेस बोर्ड में हुइ फिजूल खर्ची का भी हिसाब देकर विरोधियों की बोलती बंद कर दी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि दो लाख के खर्च पर मौसमी-टूंपा का नागरिक सभा में सम्मान करने का प्रस्ताव बीते महीने के 29 जनवरी को संपन्न बोर्ड मीटिंग में लिया गया था. तब विरोधियों ने विरोध क्यों नहीं किया. आज महिलाओं के इस सम्मान को विरोधी ‘अनैतिक’ करार दे रहे हैं.

वह किस नैतिकता का परिचय दे रहे हैं. उन्होंने फिजूल खर्ची का हिसाब देते हुए कहा कि मौसमी-टूंपा को कामदुनी से सिलीगुड़ी लाने और वापस भेजने में निगम ने मात्र चार हजार पांच सौ रूपये खर्च किया. दोनों अपने खर्च पर ट्रेन से सिलीगुड़ी आयी थीं और गयीं. दोनों को सम्मान के रूप में दिये गये शाल की कीमत भी दुकानदार ने नहीं ली. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि दोनों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी मेरे और अन्य लोगों ने अपने घरों में की थी. उन्होंने वाम बोर्ड द्वारा किये गये फिजूल खर्ची के सवाल का विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि निगम के वित्त अधिकारी (एफओ) से हिसाब मांगना आपका नैतिक अधिकार है. उनसे हिसाब मांगे और सत्ता में आपकी सरकार है तो ऑडिट करवायें, हिसाब मिल जायेगा. इस दौरान श्री भट्टाचार्य ने पिछली तणमूल-कांग्रेस गठबंधन बोर्ड में प्रत्येक महीने बोर्ड सदस्यों द्वारा किये लाखों रूपये खर्च का पूरा ब्यौरा दिया़

मेयर से किया जवाब-तलब

आठ नंबर वार्ड की भाजपा पार्षद खुशबू मित्तल ने काउंसिलर लैब समेत तीन महत्त्वपूर्ण मुद्दों को उठाकर मेयर से जवाब-तलब किया.श्रीमती मित्तल ने कहा कि काउंसिलर लैब के तहत पार्षदों को वार्ड के मरीजों हेतु मिलने वाला फंड जब मिलता है तब-तक आर्थिक अभाव में मरीज की मौत हो चुकी होती है या फिर वह मरीज जिंदगी-मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा होता है. उन्होंने मेयर से काउंसिलर लैब के अलावा डेवलपमेंट और एडुकेशन फंड के भी सरलीकरण करने और पार्षदों से पायी-पायी का हिसाब भी लेने की गुजारिश की. इसके जवाब में मेयर ने कहा कि इन समस्याओं की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. कल इसकी विस्तृत जानकारी लेकर उचित कदम उठाने का आश्वान दिया.

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