कोलकाता : राज्य सरकार ने कच्चे जूट की कालाबाजारी रोकने, जूट मिलों को चालू रखने व केंद्र सरकार को जूट बैगों को आपूर्ति कराने को लेकर सख्त रवैया अपनाया है. राज्य सरकार ने प्रवर्तन निर्देशक को कालाबाजारी व जमाखोरी रोकने के लिए छापेमारी तेज करने का निर्देश दिया है. वहीं, मंत्री समूह ने गुरुवार को […]
कोलकाता : राज्य सरकार ने कच्चे जूट की कालाबाजारी रोकने, जूट मिलों को चालू रखने व केंद्र सरकार को जूट बैगों को आपूर्ति कराने को लेकर सख्त रवैया अपनाया है. राज्य सरकार ने प्रवर्तन निर्देशक को कालाबाजारी व जमाखोरी रोकने के लिए छापेमारी तेज करने का निर्देश दिया है. वहीं, मंत्री समूह ने गुरुवार को राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक को केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार के साथ बैठक करने के लिए अधिकृत किया है.
गुरुवार की शाम को महानगर के एक होटल में श्री गंगवार बैठक करेंगे. बुधवार को नवान्न में पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्री समूह की बैठक हुई. बैठक में श्रम मंत्री मलय घटक, कृषि मंत्री पूर्णेंदु बसु, जूट आयुक्त डॉ सुब्रत गुप्ता, इज्मा के अध्यक्ष मनीष पोद्दार, उपाध्यक्ष राघव गुप्ता, जूट मिल मालिक आशुतोष भगत, बीसी वाइती, अजय तोदी, प्रकाश चौरड़िया, निर्मल पुजारा, आरके पोद्दार व संजय कजारिया के साथ खाद्य व श्रम विभाग के सचिव व प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक भी उपस्थित थे.
बैठक के बाद कृषि मंत्री पूर्णेंदु बसु ने प्रभात खबर को बताया कि जूट मिलों की समस्याओं के संबंध में गुरुवार को केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार के साथ श्रम मंत्री मलय घटक बैठक करेंगे. राज्य मंत्री समूह की बैठक में कच्चे जूट की कीमत सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई है, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ है. 10 दिनों के बाद फिर मंत्री समूह की बैठक होगी. राज्य सरकार चाहती है कि जूट मिलें खुली रहे और सरकारी मांगों की आपूर्ति हो. इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) के अध्यक्ष मनीष पोद्दार ने बताया कि बैठक में जूट मिलों की समस्याओं को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है.
कल केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री से मिलेंगे. बैठक में कुछ जूट मिल मालिकों ने जूट मिलों का स्टॉक तीन सप्ताह तक के लिए निर्धारित करने व कच्चे जूट की कीमत निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा. फिलहाल आठ सप्ताह तक जूट स्टॉक रखने की अनुमति है.
उनका कहना है कि अधिक दिनों तक स्टॉक रखने की अनुमति रहने से बड़े जूट मालिक अधिक मात्रा में जूट रख लेते हैं, जिससे छोटे जूट मिलों के मालिकों को माल नहीं मिल पाता. वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य के खाद्य सचिव ने केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. वस्त्र मंत्रालय जूट बैग की आपूर्ति नहीं होने को लेकर चिंतित है तथा जूट बैगों की निरंतर सप्लाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया.