श्री गोस्वामी चाय श्रमिकों के कालोनियों में भी गए और वहां चाय श्रमिकों से बात की़ चाय श्रमिकों ने उन्हें अपनी विभिन्न परेशानियों की जानकारी दी़ श्री गोस्वामी रेडबैंक चाय बागान के अस्पताल में भी गए़ यहां की अव्यवस्था देखकर भी वह काफ नाराज हुए़
उन्होंने कहा कि यहां न्यूनतम स्वास्थ्य सेवा तक मुहैया नहीं करायी गयी है़ यहां श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच भी नियमित रूप से नहीं हो रही है़ लंबे समय तक चाय बागान बंद रहने की वजह से चाय श्रमिकों के बच्चों ने पढ़ाइ छोड़ दी है़ चाय श्रमिक के बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. श्री गोस्वामी ने चाय श्रमिको को मिलने वाले अनाज पर भी सवालिया निशान खड़ा किया़ उन्होंने कहा कि चाय श्रमिको को घटिया किस्म के चावल और गेहूं दिये जा रहे हैं.श्री गोस्वामी ने कहा कि चाय श्रमिकों को 1500 रूपये की सरकारी सहायता दी जा रही है,लेकिन यह सहायता 60 वर्ष से अधिक उम्र के चाय बागान श्रमिकों को देने का ही प्रावधान है़ इसकी वजह से अधिकांश चाय श्रमिक इस सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. सिर्फ 10 प्रतिशत श्रमिकों को ही यह सहायत दी जा रही है़ उन्होंने कहा कि वापस लौटकर वह इस पूरे मामले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को देंगे़