कचरा फेंकने के लिए आधुनिक वाहन उपलब्ध कराये जाने के बावजूद वाहनों का सही इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही श्री देव ने अशोक भट्टाचार्य पर फिजुलखर्ची करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यो के लिए मेयर को बार बार कोलकाता जाने की कोई जरूरत नहीं है. सिलीगुड़ी में राज्य सरकार ने मिनी सचिवालय उत्तरकन्या की स्थापना की हैं.
सभी सरकारी कामकाज यहीं से संचालित हो सकते हैं. इसके साथ ही सिलीगुड़ी में अलग से उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय की स्थापना की गयी है. सिलीगुड़ी नगर निगम की विभिन्न समस्याओं का समाधान यहां भी किया जा सकता है. मेयर की इन सब बातों में कोई दिलचस्पी नहीं है. वह राजनीतिक वजहों से कोलकाता ज रहे हैं और इस काम काम में सिलीगुड़ी नगर निगम का पैसा खर्चा कर रहे हैं. श्री देव ने आगे कहा कि उत्तर बंगाल विकास मंत्रलय की ओर से डंपिंग ग्राउंड के चारों ओर पहले से ही चारदिवारी बनायी गयी है.
उसी चारदिवारी के अंदर कचरा फेंकने से कोई समस्या नहीं होगी. सिलीगुड़ी नगर निगम के सफाई कर्मचारी कचरे को सड़क पर फेंक देते हैं. जिसकी वजह से परेशानी अधिक बढ़ती है. कचरा प्रबंधन ठीक से नहीं होने की वजह से आसपास के लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. कई प्रकार की बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है. इंसेफलाइटिस ने अपना पाव पसारना शुरू कर दिया है. यदि यही स्थिति बनी रही तो यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेगा. इसका खामियाजा इस इलाके में रह रहे लोगों को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने दाजिर्लिंग के जिलाधिकारी को एक आवश्यक बैठक बुलाने का निर्देश दिया है. इस बैठक में समस्या के समाधान के लिए नगर निगम के मेयर तथा अन्य अधिकारियों से बातचीत की जायेगी.