सिलीगुड़ी : माटीगाढ़ा स्थित गेटवेल नेवटिया ने अपने बेहतर चिकित्सीय संसाधन और विशेषज्ञ की बदौलत गंगटोक के विपिन क्षेत्री को मौत के मुख से जाने से बचा लिया.
डॉ अभिषेक मनु ने बताया कि विपिन को अपन स्पाइन और मस्तिष्क में चोट लगी थी. पेन मैनेजमेंट और सही एनेस्थेशिया से उसे हम बचा पाये. इसके लिए डॉ अलोक बियानी का बड़ा योगदान है. विपिन के पिता ने बताया कि गंगतोक के सरकारी अस्पताल में कहा गया था कि जल्द से जल्द दिल्ली भेजने से ही यह बच पायेगा. लेकिन यह सिलीगुड़ी जाते–जाते मर सकता है.
डॉ अभिषेक मनु ने बताया कि कुछ नर्सिग होम पैसा बढ़ाने के लिए और लंबा–चौड़ा बील के चक्कर में रोगी से खिलवाड़ करते है. हमें भी वेलॉर सीएमसी की तरह विश्वास अर्जित करना होगा. विपिन मात्र नौ दिन की चिकित्सा से मौत के मुंह से निकल आया, यह हमारी उपलब्धि है.
वहीं जलपाईगुड़ी की बबली दत्ता जो 58 वर्ष की है, उनके दोनो घुटनों का ज्वाइंट रिप्लेसमेंट किया गया गया. बबली गुप्ता को भी कोलकत्ता भेजा गया.