तृणमूल चाय श्रमिक संगठन की ओर से सभी बागानों में की गयी गेट मीटिंग
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आम बजट में पैकेज ना मिलने से नाराज श्रमिकों ने की गेट मीटिंग
तृणमूल चाय श्रमिक संगठन की ओर से सभी बागानों में की गयी गेट मीटिंग बिन्नागुड़ी : उत्तर बंगाल इलाके के लगभग सभी चाय बागानों में तृणमूल चाय श्रमिक संगठन की ओर से विभिन्न मुद्दों को लेकर एक घंटे तक गेट मीटिंग किया गया. केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गये बजट में चाय श्रमिकों के अधिकार […]
बिन्नागुड़ी : उत्तर बंगाल इलाके के लगभग सभी चाय बागानों में तृणमूल चाय श्रमिक संगठन की ओर से विभिन्न मुद्दों को लेकर एक घंटे तक गेट मीटिंग किया गया. केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गये बजट में चाय श्रमिकों के अधिकार को लेकर किसी भी प्रकार की पैकेज की घोषणा नहीं की गई थी.
जिससे नाराज तृणमूल चाय श्रमिक संगठन की ओर से सभी चाय बागानों में मंगलवार सुबह 8:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक 1 घंटे का गेट मीटिंग किया गया. इस दौरान एनआरसी, एनपीआर एवं नागरिकता कानून के विरोध में भी तृणमूल श्रमिक नेताओं ने जमकर विरोध-प्रदर्शन करते देखा गया.
कई चाय बागानों में स्थानीय चाय श्रमिकों के विभिन्न मुद्दों पर भी श्रमिक नेताओं ने प्रकाश डाला. इस दौरान मंगलवार सुबह बानरहाट थाना अंतर्गत मोगलकाटा चाय बागान में सुबह 8:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक भारी संख्या में श्रमिक पुरुष एवं महिलाओं ने 1 घंटे का गेट मीटिंग किया.
यहां सभी चाय श्रमिकों ने क्वार्टर लकड़ी पानी एवं अन्य सुविधाओं को लेकर अपनी अपनी बातें रखी. तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक नेता एवं बानरहाट एक ग्राम पंचायत के उपप्रधान तबारक अली के नेतृत्व में मीटिंग की गई. तबारक अली ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अपने आपको चायवाला करते हैं.
लेकिन उन्होंने केंद्रीय बजट में उत्तर बंगाल के चाय बागान उत्थान के लिए कोई भी पैकेज की घोषणा नहीं की. जिससे श्रमिक काफी नाराज और केंद्र सरकार से निराश हैं. उन्होंने अनावश्यक नागरिकता कानून एनआरसी एनपीआर जैसे काला कानून लाकर लोगों को मुद्दे से ध्यान भटकाने का कार्य किया है. जिसका पूरे देश के साथ उत्तर बंगाल के चाय श्रमिक भी घोर विरोध कर रहे हैं.
इसी प्रकार से कर्बला चाय बागान में धन बहादुर छेत्री के नेतृत्व में गेट मीटिंग किया गया. वहां भी इन मुद्दों पर जमकर श्रमिक नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया. तृणमूल चाय श्रमिक संगठन केंद्रीय कमेटी के संयुक्त महासचिव श्री धन बहादुर क्षेत्री कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चाय बागान एवं श्रमिकों के हक को लेकर अपने बजट में कोई स्थान नहीं दिया और प्रधानमंत्री जी खुद को चायवाला कहते हैं. चाय श्रमिकों के उत्थान के लिए उनके बजट में कोई जगह नहीं दिया गया.
जब तक पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार रहेगी और जनता जब तक चाहेगी, तब तक एनआरसी नागरिकता कानून एवं एनपीआर का लागू होना संभव नहीं है. किसी भी कीमत पर यह काला कानून यहां लागू होने नहीं दिया जाएगा. इसी प्रकार पूरे उत्तर बंगाल के चाय बागानों सहित तेलीपारा, बिनागुड़ी ,गैरकटा, गेंद्रपाड़ा, मोराघाट, बानरहाट एवं चामूर्ची, आमबाड़ी चाय बागान इलाकों में एक घंटे का गेट मीटिंग तृणमूल चाय श्रमिक संगठन द्वारा किया गया.
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