कर्सियांग : गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो )कर्सियांग महकमा कमेटी के तत्वावधान में जीटीए खारिज करने व दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में छठी अनुसूची लागू करने की मांग में रैली व सभा का आयोजन किया गया. कर्सियांग के आईएनए बस टर्मिनल से निकाली गयी रैली का शहर परिक्रमा करते हुए प्रमुख सभा स्थल गोरखा दु:ख निवारक सम्मेलन रंगशाला में समापन किया गया. रैली में उपस्थित लोगों ने हाथों में तख्ती ले रखी थी. उसमें उल्लेख किया गया था कि छठी अनुसूची लागू करें, सीएए व एनपीआर से बचें.
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छठी अनुसूची लागू करने की मांग पर गोरामुमो ने कर्सियांग में निकाली रैली
कर्सियांग : गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो )कर्सियांग महकमा कमेटी के तत्वावधान में जीटीए खारिज करने व दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में छठी अनुसूची लागू करने की मांग में रैली व सभा का आयोजन किया गया. कर्सियांग के आईएनए बस टर्मिनल से निकाली गयी रैली का शहर परिक्रमा करते हुए प्रमुख सभा स्थल गोरखा दु:ख निवारक […]
उल्लेखनीय है कि छठी अनुसूची लागू किये गये भारत के क्षेत्र को सीएए व एनपीआर से अलग रखा गया है. गोरामुमो का मानना है कि गोरखाओं को भारतवर्ष में सीएए व एनपीआर से सुरक्षा एकमात्र केवल छठी अनुसूची ही देगा.
गोरखा दु:ख निवारक सम्मेलन रंगशाला में संपन्न सभा की अध्यक्षता गोरामुमो कर्सियांग महकमा कमेटी के अध्यक्ष नीमा लामा ने की. सभा में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित गोरामुमो केन्द्रीय कमेटी के अध्यक्ष मन घीसिंग ने कहा कि वर्तमान में सीएए व एनपीआर विषय को लेकर कन्फ्यूजन चल रहा है.
यह पार्टी व जहां हम रहते हैं, वहीं मात्र नहीं, बल्कि संपूर्ण देश में चल रहा है. इसको लेकर कोई समर्थन कर रहे हैं, तो कोई विरोध करने का कार्य कर रहे हैं. इसलिए वर्तमान में लोगों के बीच पनपे कन्फ्यूजन को दूर करने व सुरक्षित रहने के उद्देश्य से इस सभा का आयोजन किया गया.
दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में छठी अनुसूची लागू करने की आवश्यकता पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व में बताया था कि छठी अनुसूची लागू किये गये क्षेत्र में सीएए आदि लागू नहीं होगा. इसलिए इसको ध्यान में रखकर दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में छठी अनुसूची लागू करना आवश्यक है.
उन्होंने यह भी कहा कि दार्जिलिंग पहाड़वासी स्थायी राजनैतिक समाधान के इंतजार में बैठे हैं. इसलिए यथाशीघ्र इसका समाधान करना आवश्यक है. प्रमुख वक्ता गोरामुमो केन्द्रीय कमेटी के प्रवक्ता महेन्द्र छेत्री ने कहा कि हमें छठी अनुसूची चाहिए. यह यदि अभी नहीं हुआ, तो कभी नहीं होगा.
गोजमुमो केन्द्रीय कमेटी के अध्यक्ष विनय तामांग व महासचिव अनित थापा सीएए का विरोध कर रहे हैं, परंतु हम इसका विरोध नहीं कर रहे हैं. यह तो एक कानून बन गया है. देश के कानून का विरोध राष्ट्र विरोधी कदम होगा. हम तो इसका विरोध नहीं, बल्कि समाधान करने हेतु छठी अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 1950 में भारत व नेपाल के बीच हुई मैत्री संधि जब असम में रहनेवाले गोरखाओं को नहीं बचा सका, तो दार्जिलिंग तराई डुवार्स के गोरखाओं को कैसे बचा पायेगा. प्रश्न करते हुए उन्होंने इससे बचने के लिए छठी अनुसूची लागू करने की मांग की. सभा को जेबी गुरूंग, अजय एडवर्ड आदि ने भी संबोधन किया. सभा का संचालन भूपेन गुरूंग ने किया. स्वागत वक्तव्य युद्ध छेत्री ने रखा.
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