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तृणमूल ने एनपीआर के खिलाफ रखा प्रस्ताव

प्रस्ताव पर सीपीएम व कांग्रेस ने जतायी सहमति सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम में मंगलवार को हुई इस साल की पहली बोर्ड बैठक विवादों के बीच संपन्न हुआ. बैठक में तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा पार्षद अलग अंदाज में दिखे. बोर्ड बैठक में तृणमूल के 18 पार्षद नो एनआरसी, एनपीआर, सीएए के विरोध में प्लेकार्ड के […]

प्रस्ताव पर सीपीएम व कांग्रेस ने जतायी सहमति

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम में मंगलवार को हुई इस साल की पहली बोर्ड बैठक विवादों के बीच संपन्न हुआ. बैठक में तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा पार्षद अलग अंदाज में दिखे. बोर्ड बैठक में तृणमूल के 18 पार्षद नो एनआरसी, एनपीआर, सीएए के विरोध में प्लेकार्ड के साथ शामिल हुए. एनपीआर को लेकर बहस शुरू होते ही भाजपा पार्षद खुशबू मित्तल ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. हालांकि पिछले साल दिसंबर की बोर्ड बैठक में सीपीएम तथा कांग्रेस की सहमति से एनआरसी, एनपीआर व सीएए के विरोध में प्रस्ताव को पारित कर दिया था.
मंगलवार को दोबारा से तृणमूल द्वारा बोर्ड बैठक में एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने पर सीपीएम तथा कांग्रेस के पार्षदों ने केवल अपनी सहमति जताई. इसके अलावे साल के पहले बोर्ड बैठक में हाउसिंग फॉर ऑल, ट्रेड लाइसेंस तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी गरमागरम बहस हुई.
बोर्ड बैठक में भाजपा के खिलाफ सीपीएम तथा तृणमूल के पार्षद एक स्वर में दिखे. एनपीआर के विरोध में प्रस्ताव पेश करते हुए विरोधी दल के नेता रंजन सरकार ने कहा कि भाजपा की नीतियों का तृणमूल शुरू से ही विरोध कर रही है. केन्द्र सरकार के एनआरसी, एनपीआर व सीएए जैसे काला कानून से जनता में भय का माहौल है.
केन्द्र सरकार की इन नीतियों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस का आंदोलन लगातार जारी है. रंजन सरकार ने कहा कि जनसंख्या के लिए भारत सरकार के पास एक रजिस्टर्ड अथॉरिटी है. लेकिन इन सभी विषयों को लोगों तक पहुंचाने के लिए छोटे-छोटे लोकल सेल्फ गवर्नमेंट की भूमिका अहम है. उन्होंने बताया कि अब लोगों को अपने भारतीय होने का सबूत देना पड़ रहा है. इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है. रंजन सरकार ने प्रस्ताव को सदन में पेश करने के साथ सभी पार्षदों से समर्थन देने की अपील की.
वहीं भाजपा पार्षद खुशबू मित्तल ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप केन्द्र सरकार के ओडीएफ, हाउजिंग फॉर ऑल तथा अन्य योजनाओं‍ का लाभ उठा रहे है. लेकिन जब बात एनआरसी, एनपीआर, सीएए को लेकर आती है तो केन्द्र सरकार का विरोध शुरू हो जाता है. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी अभी तक लागू नहीं हुआ है.
यहां आयुष्मान भारत को राज्य सरकार लागू नहीं करने दे रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है. एसएमसी के पास अनेकों मुद्दे है. लेकिन उसपर नगर निगम का कोई ध्यान नहीं है. ऐसे अन्य कई विषयों पर वाद विवाद के बीच भाजपा पार्षद ने बोर्ड बैठक का बहिष्कार कर दिया.

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