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जलपाईगुड़ी में 562 बच्चे कुपोषण से पीड़ित

जिला आइसीडीएस की पहल पर कार्यशाला में दी गयी संतुलित आहार की जानकारी जलपाईगुड़ी : डुआर्स के चाय बागानों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण का स्तर काफी ज्यादा है. इसमें सुधार के लिये जिला आइसीडीएस विभाग के पक्ष से जिला प्रशासकीय कार्यालय में कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें संतुलित आहार को लेकर विशेष […]

जिला आइसीडीएस की पहल पर कार्यशाला में दी गयी संतुलित आहार की जानकारी

जलपाईगुड़ी : डुआर्स के चाय बागानों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों में कुपोषण का स्तर काफी ज्यादा है. इसमें सुधार के लिये जिला आइसीडीएस विभाग के पक्ष से जिला प्रशासकीय कार्यालय में कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें संतुलित आहार को लेकर विशेष जानकारी दी गयी.

इसके अलावा कार्यशाला में यह तथ्य सामने आया है कि जलपाईगुड़ी जिले में सामान्य रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या 562 है, जबकि अत्यधिक रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या 100 के करीब है. यह जानकारी जिला आइसीडीएस के परियोजना अधिकारी धनपति बर्मन ने दी है.

जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि 100 कुपोषित बच्चों में माल ब्लॉक में 26, माटियाली ब्लॉक में 11 और नागराकाटा में 7 हैं. बाकी बच्चे धूपगुड़ी, मयनागुड़ी, जलपाईगुड़ी सदर और राजगंज ब्लॉक में पाये गये हैं. चाय बागानों के सीडीपीओ ने बताया कि चाय बागानों में अधिकतर श्रमिक परिवार भात के साथ लाल चाय पीते हैं.

यह स्वास्थ्यकर नहीं है. इसके बदले भोजन के आधे घंटे पहले या भोजन के आधे घंटे बाद में लाल चाय पीना सेहतमंद है. इससे शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है. ये लोग दाल और सब्जियों का भी सेवन कम करते हैं. यह भी बताया कि ज्यादा आंच पर भोजन पकाने से उसकी गुणवत्ता कम हो जाती है. शराब का सेवन जहां आर्थिक रूप से नुकसानदेह है, वहीं स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.

धनपति बर्मन ने कहा कि चाय बागानों के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार के बास्केट रखकर काफी लाभ मिला है. भोजन में कम मसाले का उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

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