कालिम्पोंग : पश्चिम बंगाल अंतर्गत पड़ने वाले रंगपो में वनबस्ती हटाने पर कोलकाता उच्च न्यायालय ने आगामी 28 फरवरी तक स्टे ऑर्डर लगाया है. गुरुवार से ही रंगपो ग्राम सभा की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने दोपहर सुनवाई करते हुए बस्ती हटाने पर स्टे ऑर्डर जारी किया. गणेश […]
कालिम्पोंग : पश्चिम बंगाल अंतर्गत पड़ने वाले रंगपो में वनबस्ती हटाने पर कोलकाता उच्च न्यायालय ने आगामी 28 फरवरी तक स्टे ऑर्डर लगाया है. गुरुवार से ही रंगपो ग्राम सभा की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने दोपहर सुनवाई करते हुए बस्ती हटाने पर स्टे ऑर्डर जारी किया.
गणेश खाती एवं अन्य ने बस्ती हटाने का विरोध जनाते हुए राज्य सरकार एवं कम्पनी विरुद्ध न्यायालय में याचिका दर्ज किया था. न्यायालय के जस्टिस डी बसाक की बेंच ने सुनवाई करते हुए आगामी सुनवाई नहीं होने तक पुल के बस्ती हटाने पर 28 फरवरी तक स्टे ऑर्डर लगाया है.
उल्लेखनीय है कि रंगपो में पुल निर्माण के कार्य करने प्रशासन पर स्थानीय लोगों पर दबाव देने का आरोप ग्राम सभा ने लगाया है. पुल निर्माण से वनबस्ती के 58 घर के साथ धार्मिक जगह भी हटाने के कारण स्थानीय जनता इसके विरोध में आगे आयी थी. जिसके फलस्वरूप पिछले तीन दिनों से रंगपो वनबस्ती क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था. पुल निर्माण के कार्य से बस्ती में रहने वालों को हटाने के कारण स्थानीय लोगों द्वारा प्रशासन के विरोध जाना रहे थे .
इसके साथ उनके पुल निर्माण का लिए अनापत्ति-पत्र नहीं देने का मन गांव वालों ने बनाया है. जिसके कारण बंगाल की ओर पुल निर्माण का काम शुरू नहीं होने के बाद दबाव शुरू हुआ था. जिसके बाद झमेला शुरू हुआ था. ग्राम सभा ने प्रशासन द्वारा वनाधिकार एन 2006 -को नज़रअंदाज़ कर बस्ती हटाने के लिये जबर्दस्ती करने की बात करते हुये सुबह ही कोलकाता उच्च न्यायालय का दरबाजा खटखटाया था.
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने रंगपो वासी के पक्ष में सुनवाई किया. न्यायालय ने बस्ती उच्छेद पर आगामी 28 फरवरी तक स्टे ऑर्डर लगाने के बाद हिमालयन फॉरेस्ट विलेजर्स ऑर्गनाइजेशन ने इसको रंगपोवासी की जीत बताया है. महासचिव लीला कुमार गुरूंग ने कहा कि ये हमारी जीत है.