13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बाघों का उत्पात रोकने के लिए देवी की आराधना

कालियागंज : उत्तर दिनाजपुर जिले के शहर कालियागंज की प्रमुख दुर्गा पूजाओं में तरंगपुर की घोष परिवार की दुर्गा पूजा का इतिहास काफी रोमांचक है. भारत की ब्रिटिश शासन से मुक्ति जब 1947 में मिली तब तरंगपुर इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ था. आये दिन इलाके में बाघ घुस आया करते थे. इन बाघों […]

कालियागंज : उत्तर दिनाजपुर जिले के शहर कालियागंज की प्रमुख दुर्गा पूजाओं में तरंगपुर की घोष परिवार की दुर्गा पूजा का इतिहास काफी रोमांचक है. भारत की ब्रिटिश शासन से मुक्ति जब 1947 में मिली तब तरंगपुर इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ था. आये दिन इलाके में बाघ घुस आया करते थे.
इन बाघों को भगाने के लिए स्थानीय निवासी टीन के कनस्तर बजाते थे. इसके लिए घोष परिवार के लोगों ने दुर्गा पूजा करने का निश्चय किया. इसके अलावा 15 अगस्त 1947 से पहले जब देश का विभाजन चल रहा था, उस समय आशंका बन रही थी कि कालियागंज तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान में चला जा सकता है.
इसको लेकर भी लोगों ने देवी दुर्गा की आराधना करने का निश्चय किया. इसी समय से तरंगपुर के घोष परिवार की तरफ से दुर्गा पूजा का आरंभ हुआ. हालांकि यह एक पारिवारिक पूजा थी, लेकिन इसमें स्थानीय लोगों की भी सक्रिय भागीदारी रहती थी.
घोष परिवार के एक प्रमुख सदस्य और समाजसेवी असीम घोष ने बताया कि एक जमाना था जब तरंगपुर में बाघों के उपद्रव के चलते लोगों का रहना मुश्किल हो गया था. उसके बाद ही उनके दादाजी स्वर्गीय सतीश चन्द्र घोष के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने आसपास के जंगल को साफ किया. उल्लेखनीय है कि सतीश चन्द्र घोष खुद भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे.
उन्हें इस बात की आशंका थी कि कालियागंज पूर्व पाकिस्तान में जा सकता है. इन दोनों कारणों के चलते उन्होंने दुर्गा पूजा का अनुष्ठान शुरू कराया. उसी परंपरा के प्रतीक के रुप में आज भी घोष परिवार की दुर्गा पूजा के समय षष्ठी के दिन टीन बजाकर पूजा अनुष्ठान शुरू किया जाता है. सतीश चन्द्र घोष का मानना था कि देवी दुर्गा की कृपा से ही एक तरफ बाघों का उपद्रव बंद हो गया और कालियागंज भारत में ही शामिल हुआ. उसके बाद से ही तरंगपुर की दुर्गा पूजा की प्रसिद्धि चारों तरफ फैल गयी.
हजारों की संख्या में लोग पूजा देखने आने लगे.पूजा के चार दिनों तरंगपुर में मिला भी लगता है. घोष परिवार की एक गृहिणी ऋत्विका घोष ने बताया कि फिलहाल वे दुर्गा पूजा के लिए सामान जुटाने में व्यस्त हैं. पूजा के चार दिनों वह इतनी ज्यादा व्यस्त रहती हैं कि कहीं और पूजा देखने का समय नहीं रहता है. विजयादशमी के रोज स्थानीय और भक्तों को भरपेट भोजन कराया जाता है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel