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पश्चिम बंगाल की कृषि क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि, दार्जिलिंग मंदारिन संतरे को मिला जीआई टैग

Darjeeling Mandarin Orange: पश्चिम बंगाल को कृषि क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग मंदारिन संतरे को जीआई टैग मिल गया है. दल्ले खुरसानी के बाद यह दूसरी फसल है, जिसको जीआई टैग मिला है. उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय (यूबीकेवी) के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि जीआई रजिस्ट्रार ने 24 नवंबर, 2025 को इस दर्जे को औपचारिक मान्यता दी.

Darjeeling Mandarin Orange: पश्चिम बंगाल ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. ‘दार्जिलिंग मंदारिन संतरे’ को आधिकारिक तौर पर भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग मिल गया है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

24 नवंबर 2025 को मिली औपचारिक मान्यता

उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय (यूबीकेवी) के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि जीआई रजिस्ट्रार ने 24 नवंबर, 2025 को इस दर्जे को औपचारिक मान्यता दी. इसमें दार्जिलिंग जैविक कृषक उत्पादक संगठन (डीओएफपीओ) पंजीकृत मालिक है, जबकि यूबीकेवी और पीआईसी ने आवेदन प्रक्रिया के लिए सहायक के तौर पर काम किया.

Darjeeling Mandarin Orange: दार्जिलिंग मंदारिन संतरे की खेती होगी पुनर्जीवित

अधिकारी ने कहा कि जीआई टैग से दार्जिलिंग मंदारिन संतरे की खेती को पुनर्जीवित करने में मदद मिलने मिल सकती है. पिछले 15 वर्षों से विषाणु और कीटों के हमलों के कारण दार्जिलिंग में मंदारिन संतरे की खेती कम हो रही है. अगले चरण में दार्जिलिंग और कलिम्पोंग क्षेत्रों के सभी व्यक्तिगत उत्पादकों को ‘अधिकृत उपयोगकर्ता’ के रूप में पंजीकृत किया जायेगा, ताकि वे कानूनी रूप से जीआई लेबल का उपयोग कर सकें और अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें.

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पीढ़ियों से दार्जिलिंग की अर्थव्यवस्था में सहायक है संतरा

उन्होंने बताया कि यह फल स्थानीय विरासत का अभिन्न अंग रहा है और पीढ़ियों से अर्थव्यवस्था में सहायक रहा है. दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने जीआई टैग मिलने पर खुशी जताते हुए कहा, ‘मैं मिरिक स्थित दार्जिलिंग जैविक कृषि उत्पादक संगठन (डीओएफपीओ), पश्चिम बंगाल राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (डब्ल्यूबीएससीएसएंडटी) के पेटेंट सूचना केंद्र (पीआईसी) और उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय को प्रसिद्ध दार्जिलिंग मंदारिन संतरे (वैज्ञानिक नाम-साइट्रस रेटिकुलाटा ब्लैंक) के लिए आधिकारिक भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा दिलाने में उनके अथक प्रयास के लिए बधाई देता हूं.’

दल्ले खुरसानी के बाद मंदारिन संतरे को मिला जआई टैग

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बिष्ट ने कहा कि यह दल्ले खुरसानी (एक प्रकार की मिर्च) के बाद हमारे क्षेत्र का दूसरा उत्पाद है, जिसे यह प्रतिष्ठित मान्यता मिली है. दार्जिलिंग के सांसद ने उम्मीद जतायी कि इस तरह के एकीकृत प्रयासों से इलाके के अन्य उत्पादों- जैसे इलायची, अदरक, इस्कुस (चाउ-चाउ), बेर, रायो-को-साग (सरसों साग), गारेंडल (पैशन फ्रूट या कृष्णकमल फल), मासेम को दाल, भद्रसे, अनन्नास, काउलो को भी जीआई टैग दिलाया जायेगा.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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