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जलपाईगुड़ी : बाघधेनु पत्रिका के विमोचन के अवसर पर हुआ खुलासा
कामतापुरी भाषा में दिख रहा एकरूपता का अभाव जलपाईगुड़ी : वैसे तो कामतापुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिये आंदोलन होता रहा है. लेकिन अभी तक इस भाषा में व्याकरण और शब्दकोष नहीं बन पाया है. इस वजह से इस भाषा में हालांकि लेख, कविताएं और कहानियां छप रही हैं लेकिन उनकी भाषा में […]
कामतापुरी भाषा में दिख रहा एकरूपता का अभाव
जलपाईगुड़ी : वैसे तो कामतापुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिये आंदोलन होता रहा है. लेकिन अभी तक इस भाषा में व्याकरण और शब्दकोष नहीं बन पाया है. इस वजह से इस भाषा में हालांकि लेख, कविताएं और कहानियां छप रही हैं लेकिन उनकी भाषा में एकरुपता का अभाव लेखकों और पाठकों को खटक रहा है.
रविवार को जलपाईगुड़ी के राजबाड़ीपाड़ा में समवाय प्रशिक्षण केंद्र में नॉर्थ इस्टर्न फाउंडेशन फॉर सोशल रिसर्च की पत्रिका बाघधेनु के 25वें अंक के विमोचन कार्यक्रम में उक्त बात सामने आयी. वक्ताओं की बातों से यह तथ्य भी सामने आया कि आजकल युवा सोशल मीडिया फेसबुक पर कामतापुरी भाषा में कथा, कविता और लेखक पोस्ट कर रहे हैं.
लेकिन वे लोग पत्रिकाओं को अपनी रचनाएं नहीं देते. जो रचनाएं छपती हैं उनकी भाषा में एकरुपता नहीं होती जिससे पाठकों में भ्रम पैदा हो जाता है. पत्रिका के पक्ष से भरत राय ने बताया कि कामतापुरी भाषा में कई युवा फेसबुक पर कथा, कहानी वगैरह पोस्ट करते हैं.
उन्हें पत्रिका के लिये लिखना चाहिये. आज विमोचन करने वाले इतिहास के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आनंदगोपाल घोष ने कहा कि कामतापुरी भाषा में बातचीत के अलावा रचनाएं भी लिखनी होगी. अगर युवा रचनाकार पत्रिकाओं के लिये नहीं लिखेंगे तो लघु पत्रिकाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. कामतापुरी भाषा का एक सर्वस्वीकार्य व्याकरण की पुस्तक लिखने की जरूरत है. इससे भाषा में एकरुपता आयेगी.
कामतापुरी भाषा अकादमी के सदस्य गिरेंद्रनाथ राय ने बताया कि अकादमी की ओर कामतापुरी भाषा का एकमात्र व्याकरण और शब्दकोष तैयार किया जायेगा. आज सुबह समाजपाड़ा में मनीषी पंचानन बर्मा की मूर्ति पर जलपाईगुड़ी मनीषी पंचानन बर्मा स्मारक समिति के अध्यक्ष और सांसद विजयचंद्र बर्मन ने माल्यार्पण किया.
शाम को आईएमए के सभागार में मनीषी पर कई लोगों ने वक्तव्य रखे. उधर, शहर के दीप्ति प्रेक्षागृह में राजवंशी खत्रिय समिति के पक्ष से पंचानन बर्मा के तिरोधान दिवस के उपलक्ष में गरीब, मेधावी छात्र छात्राओं की सहायता की गयी. समिति के सभापति धरित्री मोहन राय, लेखक उमेश शर्मा की मुख्य रुप से उपस्थिति रही.
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