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सिलीगुड़ी: ड्रोन से ट्वॉय ट्रेन का सफर बनेगा सुरक्षित

नियमित रूप से ट्रैक के आसपास रखी जायेगी निगरानी ट्रेन गुजरने से पहले सुनिश्चित की जायेगी सुरक्षा सिलीगुड़ी : विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) के रास्ते में भूस्खलन की आशंका को आंकने के लिए ड्रोन उड़ाने का निर्णय रेलवे ने लिया है. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. […]

नियमित रूप से ट्रैक के आसपास रखी जायेगी निगरानी
ट्रेन गुजरने से पहले सुनिश्चित की जायेगी सुरक्षा
सिलीगुड़ी : विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) के रास्ते में भूस्खलन की आशंका को आंकने के लिए ड्रोन उड़ाने का निर्णय रेलवे ने लिया है.
इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ट्वॉय ट्रेन के गुजरने से पहले ड्रोन से ट्रैक के आसपास की की मिट्टी व चट्टानों की स्थिति का आकलन किया जायेगा. अत्यधिक भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों पगलाझोड़ा, तिनधरिया व गयाबाड़ी में ड्रोन से नियमित रूप से निगरानी की जायेगी.
भू-स्खलन की वजह से बार-बार ट्वॉय ट्रेन का संचालन बाधित होता रहता है. इस वर्ष अब तक भूस्खलन की वजह से दो बार ट्वॉय ट्रेन की परिसेवा बाधित हुई है. दार्जिलिंग जिला अतंर्गत कर्सियांग महकमा के पगलाझोड़ा इलाके में इस साल अब तक दो बार भूस्खलन हो चुका है. रेलवे लाइन पर मलबा होने की वजह से बीती दो अगस्त से न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक टॉय ट्रेन का संचालन बंद है.
लगातार चट्टानों के ढहने से मलबा हटाना भी मुश्किल हो रहा है. 55 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबा हटाकर छोटी गाड़ियों की आवाजाही शुरू करायी गयी है, लेकिन रेलवे लाइन पर मलबा होने व क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत नहीं कराये जाने की वजह से ट्वॉय ट्रेन का परिचालन ठप है.
दुर्गापूजा अब निकट है. उस दौरान देश के साथ विश्व के विभिन्न भागों से भी भारी संख्या में पर्यटक दार्जिलिंग का रुख करते हैं. ट्वॉय ट्रेन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होती है. ऐसे में उसका संचालन बंद होना पर्यटन व्यवसायियों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
दुर्गापूजा के समय दार्जिलिंग घूमने के लिए पर्यटकों की बुकिंग शुरू हो गयी है. इस बार बुकिंग अच्छी बतायी जा रही है. ट्वॉय ट्रेन बंद होने से पर्यटकों के निराश होने की संभावना प्रबल है. पर्यटन को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रबंधन भी दुर्गा पूजा के पहले परिचालन शुरू कराने के लिए प्रयासरत है.
भू-स्खलन की वजह से ट्वॉय ट्रेन के यात्रियों की जान पर भी आफत आ सकती है. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर रेलवे ने भूस्खलन बहुल इलाके में लगातार निगरानी रखने का निर्णय लिया है. इसके लिए ड्रोन कैमरे का सहारा लिया जायेगा. ड्रोन के जरिए ट्वॉय ट्रेन के ट्रैक व आसपास की मिट्टी व चट्टानों पर नजर रखी जायेगी.
ड्रोन में हाई क्वालिटी का कैमरा लगाकर उसे उड़ाने का निर्णय रेलवे ने लिया है. हाल ही में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के डीआरएम चंद्र प्रकाश गुप्ता ने भी ट्वॉय ट्रेन के ट्रैक का जायजा लिया था. पगलाझोड़ा सहित अन्य भूस्खलन बहुल क्षेत्रों पर ड्रोन से निगरानी रखने की भी सलाह उन्होंने डीएचआर को दी थी.
2010 में हुए भूस्खलन से ट्वॉय ट्रेन का संचालन हो गया था बंद
यहां बता दें कि वर्ष 2010 में पागलाझोड़ा में बहुत बड़ा भूस्खलन हुआ था. उसके बाद से सिलीगुड़ी से न्यू जलपाईगुड़ी तक ट्वॉय ट्रेन का संचालन बंद हो गया था. रूट को कई जगह बदलकर ट्वॉय ट्रेन के अस्तित्व को डीएचआर ने बचाए रखा था. परिस्थिति को देखकर यूनेस्को ने डीएचआर से विश्व धरोहर का तमगा वापस लेने की पेशकश की.
इसके बाद रेलवे व डीएचआर ने मिलकर सभी समस्याओं व बाधाओं को दूर कर वर्ष 2015 में सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग तक ट्वॉय ट्रेन का संचालन शुरू कराया. हालांकि अभी भी बीच-बीच में भूस्खलन की वजह से यह परिसेवा बाधित होती रहती है.
इस संबंध में न्यू जलपाईगुड़ी के एडीआरएम पार्थ प्रतिम राय ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जायेगा. दुर्गा पूजा के पहले न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक ट्वॉय ट्रेन का संचालन शुरू कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है. पूजा से पहले सेवा के सुचारु होने की पूरी संभावना है.

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