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एनआरसी को लेकर बढ़ी सरगर्मी, कई संगठनों ने की बैठक

सिलीगुड़ी : असम में एनआरसी को लेकर बवाल जारी है. पिछले दिनों असम में एनआरसी की घोषणा की गई .है जिसमें करीब 40 लोगों लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं. उसके बाद से ही एनआरसी को लेकर पूरे देश में जबरदस्त राजनीतिक हलचल है. इसी क्रम में सोमवार को असम के कुछ […]

सिलीगुड़ी : असम में एनआरसी को लेकर बवाल जारी है. पिछले दिनों असम में एनआरसी की घोषणा की गई .है जिसमें करीब 40 लोगों लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं. उसके बाद से ही एनआरसी को लेकर पूरे देश में जबरदस्त राजनीतिक हलचल है. इसी क्रम में सोमवार को असम के कुछ संगठनों ने सिलीगुड़ी में एक बैठक की.
इन लोगों का आरोप है कि एनआरसी से करीब 25 लाख हिंदुओं के नाम काट दिये गये हैं. जिसमें से अधिकांश बंगाली हैं. सोमवार को सिलीगुड़ी के तीनबत्ती मोड़ इलाके में ऑल इंडिया नमशुद्र विकास परिषद, ऑल इंडिया नागरिक समिति एवं असम बंगाली युवा छात्र फेडरेशन की ओर से एक बैठक की गई. आयोजकों का दावा है कि असम के और भी कई संगठन के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए. बैठक में सरकार पर जानबूझकर बंगालियों का नाम एनआरसी में शामिल नहीं करने का आरोप लगाया गया.
इन लोगों ने तत्काल सभी का नाम एनआरसी में शामिल करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर इन लोगों ने आंदोलन की भी धमकी दी है. जिसके तहत सबसे पहले पश्चिम बंगाल सीमा से असम तक एक पदयात्रा निकाली जाएगी. इन लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने तथा रेल रोको आंदोलन की भी धमकी दी है. 9 तारीख को अलीपुरद्वार जिले के कामाख्यागुड़ी से असम तक एक विशाल पदयात्रा निकाली जाएगी.
जिसमें असम के भी कई संगठन के लोग शामिल होंगे. ऑल इंडिया नमशुद्र विकास परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष मुकुल चंद्र वैराग्य का कहना है कि एनआरसी के नाम पर केंद्र सरकार राजनीति कर रही है. 40 लाख लोगों का नाम हटा दिया गया है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह सभी भारतीय नागरिक हैं. इनमें से 25 लाख तो हिंदू हैं.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि काफी लोगों के पास आवश्यक दस्तावेजों के रहने के बाद भी एनआरसी में नाम शामिल नहीं किया गया. कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों का नाम भी एनआरसी में नहीं है. स्वभाविक तौर पर असम सरकार ने बंगाली लोगों के साथ अन्याय किया है. उन्होंने पूरे मामले की फिर से सुनवाई कर सभी लोगों का नाम एनआरसी में शामिल करने की मांग की. दूसरी ओर ऑल असम बंगाली युवा छात्र फेडरेशन ने भी इस मामले को लेकर आंदोलन की धमकी दी है. संगठन के केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अरविंद शील का कहना है कि जानबूझकर बंगालियों के नाम काटे गए हैं. सभी लोगों का नाम एनआरसी में शामिल करने की मांग को लेकर ही आज की बैठक बुलाई गई है. उन्होंने भी आने वाले दिनों में आंदोलन की धमकी दी.

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