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नाराज चाय श्रमिकों ने अचानक शुरू किया उत्तरकन्या अभियान, प्रशासन के उड़े होश, कई जगह की बैरिकेडिंग
सिलीगुड़ी : न्यूनतम मजदूरी तय नहीं होने से नाराज चाय श्रमिक आंदोलन पर हैं. मंगलवार से उनका आंदोलन शुरू हो गया.इसी क्रम में चाय श्रमिकों ने अचानक उत्तरकन्या अभियान भी शुरू कर दिया. उसके बाद इस अभियान को फेल करने के लिए सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाके में मंगलवार को दिन भर पुलिस और […]
सिलीगुड़ी : न्यूनतम मजदूरी तय नहीं होने से नाराज चाय श्रमिक आंदोलन पर हैं. मंगलवार से उनका आंदोलन शुरू हो गया.इसी क्रम में चाय श्रमिकों ने अचानक उत्तरकन्या अभियान भी शुरू कर दिया. उसके बाद इस अभियान को फेल करने के लिए सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाके में मंगलवार को दिन भर पुलिस और चाय श्रमिकों के बीच भिड़ंत की स्थिति बनी रही.
उल्लेखनीय है कि सोमवार को उत्तरकन्या में न्यूनतम मजदूरी तय करने को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक फेल हो चुकी है. उसके बाद से ही चाय श्रमिकों का पारा सातवें आसमान पर है. मंगलवार से चाय श्रमिकों ने 3 दिनों के बागान बंद का आह्वान किया है. इसी बीच मंगलवार को चाय श्रमिकों ने संयुक्त फोरम के नेतृत्व में उत्तरकन्या अभियान का भी निर्णय लिया.
चाय श्रमिकों के इस नए आंदोलन की घोषणा से पुलिस के हाथ पांव फूल गए. विभिन्न स्थानों पर पुलिस ने चाय श्रमिकों को उत्तरकन्या जाने से रोक दिया. मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी तथा बागडोगरा के अलावा सुकना, सालबाड़ी इलाके के विभिन्न चाय बागानों के चाय श्रमिक सुबह उत्तरकन्या अभियान के लिए निकले. जबकि चाय बागान में बंद भी जारी है.
चाय श्रमिक बागान में गेट मीटिंग करने के बाद उत्तरकन्या अभियान पर निकले. विभिन्न चाय बागानों से भारी संख्या में चाय श्रमिकों ने उत्तरकन्या के लिए पैदल यात्रा शुरू की. चाय श्रमिकों ने इस आंदोलन का निर्णय अचानक लिया था. पुलिस तथा प्रशासन को चाय उद्योग में बंद की जानकारी थी.
लेकिन चाय श्रमिक अचानक उत्तरकन्या अभियान पर निकल जाएंगे, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी. जैसे ही पुलिस को इस बात की जानकारी मिली उनके हाथ पांव फूल गए . चाय श्रमिकों को विभिन्न स्थानों पर रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को रवाना किया गया.
बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती, कई स्थानों पर धरने पर बैठे चाय श्रमिक
चाय श्रमिकों के ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ज्वाइंट फोरम के नेताओं ने इस पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की है. ज्वाइंट फोरम के नेता आलोक चक्रवर्ती ने पुलिस पर चाय श्रमिकों को धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि चाय श्रमिक अपनी मांगों को मंगवाने के लिए शांतिपूर्ण मार्च पर निकले थे. लेकिन पुलिस ने उनको उत्तरकन्या जाने से रोक दिया. उन्होंने पुलिस पर विभिन्न चाय बागानों में जाकर भी चाय श्रमिकों को धमकाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक और जहां चाय श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी तक नहीं मिल रही है, वहीं दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर उन्हें आंदोलन करने से भी रोका जा रहा है. उन्होंने आंदोलन और जोरदार करने की भी धमकी दी. दूसरी ओर ज्वाइंट फोरम के एक अन्य नेता माकपा के श्रमिक संगठन सीटू के जिलाध्यक्ष समन पाठक ने भी कहा है कि पुलिस चाय श्रमिकों को आंदोलन से रोक रही है. इस बीच चाय श्रमिकों को उत्तर कन्या जाने से रोकने के लिए पुलिस ने उत्तर कन्या पहुंचने के कई मार्गों पर बेरिकेटिंग की है . किसी भी चाय श्रमिक को वहां पहुंचने नहीं दिया जा रहा है. उत्तरकन्या में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी की गई है.
क्या है मामला
इससे पहले सोमवार को न्यूनतम मजदूरी पर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक फेल हो चुकी है. उसके बाद ज्वाइंट फोरम ने मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था . आज मंगलवार से तराई-डुआर्स के सभी चाय बागानों में अगले तीन दिनों तक बंद शुरू हो गया है. यहां बता दें कि उत्तर बंगाल के चाय श्रमिक न्यूनतम मजदूरी की मांग को लेकर पिछले काफी लंबे अरसे से आंदोलन करते आ रहा है. न्यूनतम मजदूरी को लेकर अब तक कई बैठक हो चुकी है लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ है. कल सोमवार को उत्तरकन्या के सभागार में त्रिपक्षीय बैठक आयोजित हुयी. इस बैठक में राज्य के श्रम मंत्री के उपस्थित होने की बात थी, लेकिन वह बैठक में शामिल नहीं हो पाये. बैठक में राज्य से श्रम आयुक्त जावेद अख्तर, श्रम मंत्रालय के सचिव, बागान मालिक पक्ष व श्रमिक संगठन के सदस्य उपस्थित थे.
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