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जमीन मालिकों ने लगाया अपर्याप्त मुआवजे का आरोप
सिलीगुड़ी : घोषपुकुर से फूलबाड़ी व जलपाईगुड़ी के रास्ते अलीपुरद्वार को जानेवाली सड़क के फोर लेने होने पर फिर से अड़ंगा लग गया है, क्योंकि सड़क के लिए बाजार दर के हिसाब से मुआवजा नहीं मिलने से जमीन मालिकों ने जमीन देने से इनकार किया है. आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है. […]
सिलीगुड़ी : घोषपुकुर से फूलबाड़ी व जलपाईगुड़ी के रास्ते अलीपुरद्वार को जानेवाली सड़क के फोर लेने होने पर फिर से अड़ंगा लग गया है, क्योंकि सड़क के लिए बाजार दर के हिसाब से मुआवजा नहीं मिलने से जमीन मालिकों ने जमीन देने से इनकार किया है. आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
जानकारी के अनुसार, घोषपुकुर बाई पास सड़क फोर लेन होने जा रही है. घोषपुकुर से फांसीदेवा, डांगा पाड़ा, महानंदा बैरेज के रास्ते फूलबाड़ी होकर धूपगुड़ी, मयनागुड़ी के रास्ते अलीपुरद्वार के छलछला बाड़ी तक जाने वाली यह फोर लेन सड़क निर्माण में कई जगह बाधा उत्पन्न हो गयी है. इस सड़क को लेकर धूपगुड़ी की समस्या तो मिट गयी है, लेकिन फूलबाड़ी, मयनागुड़ी व अलीपुरद्वार में समस्या अब गहरा रही है.
फूलबाड़ी में सड़क के लिए जमीन देनेवालों को मिलनेवाली क्षतिपूर्ति की रकम पर रोष है. फूलबाड़ी के गोठमाबाड़ी, जुगीभिटा आदि के जमीन दाताओं ने बाजार दर पर क्षतिपूर्ती की रकम देने की मांग सरकार से किया है. अन्यथा सड़क के लिए जमीन देने से इनकार किया है. स्थानीय निवासी रूपम घोष, सुशील सिंह आदि ने बताया कि सरकार ने प्रति कट्ठा 1 लाख 60 हजार रूपए क्षतिपूर्ती देने की घोषणा की है.
जबकि सड़क के लिए जो जमीन सरकार अधिग्रहण कर रही है, फूलबाड़ी, गोठमाबाड़ी, जुगीभिटा आदि इलाके की उस जमीन की वर्तमान में कीमत 5 से 12 लाख रुपए प्रति कट्ठा है. इतनी हानि सहकर सड़क के लिए जमीन देना असंभव है. आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन भी किया जायेगा.
इस संबंध में राजगंज के बीडीओ प्रेमा शेरपा ने बताया कि बीडीओ कार्यालय से जमीनदाताओं को सरकारी निर्देशानुसार क्षतिपूर्ति की रकम अदा की जाती है. अधिग्रहण की गयी जमीन के लिए क्षतिपूर्ती की रकम सरकार ही तय करती है. जलपाईगुड़ी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) अम्लान ज्योति साहा ने बताया कि सरकार अधिग्रहण किये जाने वाली जमीन की कीमत रजिस्ट्री कार्यालय से मिले आंकड़ो के आधार पर करती है. फोर लेन इस सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण किया जा चुका है. क्षतिपूर्ती की रकम के लिए यदि जमीन दाताओं को संशय है तो भूमि व भूमि सुधार व संबंधित कार्यालयों में आवेदन कर सकते हैं.
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