- जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के ओपीडी में भरा पानी
- शहर में करला के पानी में 500 परिवार घिरे
- बड़ी संख्या में सड़कें और पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त
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बाढ़ ने लिया भयावह रूप, हजारों लोग बेघर, चापाडांगा में सुरक्षित ठिकाने की ओर जारी है पलायन
जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के ओपीडी में भरा पानी शहर में करला के पानी में 500 परिवार घिरे बड़ी संख्या में सड़कें और पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त जलपाईगुड़ी/ मयनागुड़ी : लगातार बारिश के चलते जलपाईगुड़ी जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ का संकट लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है. यहां तक कि जलपाईगुड़ी शहर की करला नदी […]
जलपाईगुड़ी/ मयनागुड़ी : लगातार बारिश के चलते जलपाईगुड़ी जिले के विभिन्न प्रखंडों में बाढ़ का संकट लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है. यहां तक कि जलपाईगुड़ी शहर की करला नदी में आयी बाढ़ में करीब 500 परिवार घिर गये हैं. शहर के 25 नंबर वार्ड अंतर्गत निजमाठ, परेशमित्र कॉलोनी, नेताजीपाड़ा में बाढ़ का पानी घुस गया है. कई परिवारों ने करला सेतु संलग्न ऊंची जगहों में शरण ले रखी है. जलपाईगुड़ी नगरपालिका के अध्यक्ष पार्षद संदीप महतो ने भी माना है कि शहर के कई वार्ड जलमग्न हो गये हैं.
पिछली बार की तुलना में इस बार वर्षा अधिक हुई है. उन्होंने दावा किया कि नगरपालिका के प्रयास से जलनिकासी का काम होने के चलते पानी का स्तर कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ग्रस्त लोगों को नगरपालिका के बाढ़ राहत शिविरों में रखा जा रहा है. वहीं, जिला अस्पताल के ओपीडी में बरसाती पानी जमा हो गया है.
जलपाईगुड़ी के उपनगरीय क्षेत्र मोहितनगर के उत्तर कुमारपाड़ा के रेलवे अंडरपास के नीचे छह फीट पानी जमा है. कई इलाकों में ट्रैक्टर समेत स्कूली विद्यार्थी अटके हुए हैं. जलपाईगुड़ी शहर के समाजपाड़ा में काफी लोग अपना घर छोड़ चुके हैं. कई बाढ़ग्रस्त लोगों ने शहर के मारवाड़ी बालिका विद्यालय में शरण लेना चाहा लेकिन प्रबंधन ने इसकी इजाजत नहीं दी है.
माल ब्लॉक के चापाडांगा ग्राम पंचायत क्षेत्र में तीस्ता का पानी घुसकर आवागमन बाधित हुआ है. इस वजह से 500 से अधिक लोगों ने ऊंची जगहों में शरण ले रखी है. 2500 परिवार बाढ़ से घिर गये हैं. बारिश के चलते तीस्ता, धरला और डांगी नदियों का पानी मिल जाने से माल ब्लॉक के चापाडांगा ग्राम पंचायत इलाके में लोग भोजन व मवेशियों के लिये चारे के संकट से जूझ रहे हैं. ज्यादातर परिवार थरमोकोल और केले की डोंगी के सहारे अपने मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं.
वहीं, सुबह से लेकर दोपहर तक इस संकट की घड़ी में प्रशासन का कोई अधिकारी प्रभावित इलाके में नहीं पहुंचा है. कहीं कमर तक तो कहीं कहीं गले तक पानी भरा हुआ है. इलाके के कुएं और चापाकल पानी में छिप गये हैं. प्रभावित लोग पेयजल के लिये त्राहि त्राहि कर रहे हैं. बाल बच्चों के लिये भोजन के अलावा उनके सामने मवेशियों के चारा की समस्या हो रही है. प्रभावित लोगों का कहना है कि प्रशासन उनके लिये पेयजल और खाने पीने की व्यवस्था करे.
मयनागुड़ी ब्लॉक अंतर्गत रामसाई-उत्तर खागड़ाबाड़ी सड़क पर पेड़ के टूटने से बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है. मयनागुड़ी के जर्दा और कलाखावा नदियों में बाढ़ से कई इलाके जलमग्न हैं. नागराकाटा में डायना बांध के क्षतिग्रस्त होने से माझियाली बस्ती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
सिंचाई और मौसम विभाग के अनुसार जलपाईगुड़ी में 141 मिमी वर्षा रिकार्ड की गयी. वहीं, अलीपुरद्वार में 22.20 मिमी, कूचबिहार 18.80 मिमी, सिलीगुड़ी में 74.89 मिमी, मालबाजार में 126.40 मिमी, हासीमारा में 198.20 मिमी वर्षा गुरुवार की सुबह नौ बजे तक रिकार्ड की गयी है. तीस्ता बैरेज से 2232 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, मौसम विभाग के अनुसार बारिश फिर से होने का अनुमान है.
मेटेली ब्लॉक में प्रशासन सतर्क
मेटेली. पिछले तीन दिनों की लगातार बारिश के चलते आखिर में गुरुवार को सूर्यदेव का दर्शन हुआ. मेटेली बाजार में सुबह से ही आज मौसम साफ दिखा. कहीं भी बारिश नहीं हुई. हालांकि विधाननगर, धूपझोड़ा के कई इलाकों में नदी कटाव हुआ. दक्षिण धूपझोड़ा केमहाकालपाड़ा में कई घर अभी भी जलमग्न हैं.
मेटेली के ज्वाइंट बीडीओ शेखर शेर्पा ने बताया कि फिलहाल बाढ़ की स्थिति नहीं है. हालांकि प्रशासन किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिये तैयार है. जलपाईगुड़ी जिला परिषद की सभाधिपति नूर जहान बेगम ने बताया कि पूरे जिले की बाढ़ के हालात पर नजर है.
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