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मदद के लिए बढ़े हाथ, एम्बुलेंस दादा विमान से जायेंगे दिल्ली

25 को विमान से होगी रवानगी 26 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में होंगे शामिल पैसे की कमी के चलते दिल्ली जाने में जतायी थी असमर्थता प्रभात खबर ने इसे लेकर समाचार प्रकाशित किया सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में एम्बुलेंस दादा के नाम से मशहूर पद्मश्री करीमुल हक आखिरकार राष्ट्रपति […]

25 को विमान से होगी रवानगी

26 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में होंगे शामिल
पैसे की कमी के चलते दिल्ली जाने में जतायी थी असमर्थता
प्रभात खबर ने इसे लेकर समाचार प्रकाशित किया
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में एम्बुलेंस दादा के नाम से मशहूर पद्मश्री करीमुल हक आखिरकार राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली जायेंगे. उनके दिल्ली जाने की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. वह 25 जनवरी को विमान से नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगे. उल्लेखनीय है कि करीमुल हक एक दशक से भी अधिक समय से अपनी बाइक के बीमार मरीजों अस्पताल पहुंचाने का काम करते हैं. उनकी यह सेवा पूरी तरह से नि:शुल्क है. उनके इसी सेवा को देखते हुए भारत सरकार ने उनको पद्मश्री सम्मान प्रदान किया है. करीमुल हक की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है.
उसके बाद भी वह अपने खर्च पर गरीब मरीजों अस्पताल पहुंचाने का काम करते हैं. वह एक चाय बागान में पांच हजार रुपये मासिक पर काम करते हैं. इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए पद्मश्री करीमुल हक को भी राष्ट्रपति भवन से न्योता मिला है. वह इस न्योते को पाकर काफी खुश हैं. लेकिन उनकी सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वह आखिर किस तरह से दिल्ली जायेंगे, क्योंकि दिल्ली आने-जाने तथा वहां रहने के लिए आवश्यक रुपये की कोई व्यवस्था नहीं है. इसी कारण से करीमुल हक परेशान थे और आखिरकार उन्होंने दिल्ली जाने का इरादा भी त्याग दिया था. पैसे के अभाव में करीमुल हक के दिल्ली नहीं जा पाने की खबर प्रभात खबर में 22 जनवरी के अंक में प्रकाशित हुई. उसके बाद सामाजिक संगठनों तथा समाजसेवियों के बीच खलबली मच गयी. सिलीगुड़ी के साथ ही कोलकाता के भी कई संगठन करीमुल हक की मदद के लिए सामने आये हैं और उनके दिल्ली आने-जाने की समस्या खत्म हो गयी है. रोटरी क्लब ऑफ सिलीगुड़ी सेंट्रल ने उनके दिल्ली आने-जाने तथा रहने आदि की व्यवस्था की है. रोटरी क्लब ऑफ सिलीगुड़ी सेंट्रल के अध्यक्ष अमित मारोदिया ने बताया है कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में यदि पद्मश्री करीमुल हक शामिल होते हैं, तो यह पूरे उत्तर बंगाल के लिए गौरव की बात है. श्री मारोदिया ने आगे बताया कि करीमुल हक के दिल्ली आने-जाने तथा वहां रहने आदि की पूरी व्यवस्था रोटरी क्लब ऑफ सिलीगुड़ी सेंट्रल की ओर से की जायेगी. 25 तारीख को दिन के करीब तीन बजे बागडोगरा एयरपोर्ट से करीमुल हक दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे. उस दिन वह दिल्ली में ही रुकेंगे. शाम चार बजे से राष्ट्रपति भवन में गणतंत्र दिवस समारोह है. उस समारोह में शामिल होने के बाद अगले दिन वह विमान से ही दिल्ली से सिलीगुड़ी लौट आयेंगे. श्री मारोदिया ने आगे बताया कि 25 तारीख को दिल्ली रवानगी से पहले करीमुल हक के लिए सिलीगुड़ी में एक सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया है.
मदद के लिए…
रोटरी क्लब ऑफ सिलीगुड़ी सेंट्रल के अलावा और भी कई संगठनों ने करीमुल हक को मदद की पेशकश की है. हालांकि उन्होंने इसे ठुकरा दिया है. लायंस क्लब ऑफ सिलीगुड़ी युनिटी के अलावा कोलकाता के शिशु शिक्षा स्कूल द्वारा भी करीमुल हक को मदद की पेशकश की गयी है. लायंस क्लब ऑफ सिलीगुड़ी युनिटी के कपिल गर्ग ने सरकार के रवैये पर ही प्रश्न खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि यदि सरकार पद्मश्री सम्मान पाने वाले किसी व्यक्ति को सरकारी समारोह में बुलाती है, तो उनके आने-आने के साथ ही तमाम व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार की ही होनी चाहिए. पद्मश्री सम्मान बहुत बड़ा सम्मान है. करीमुल हक ने इस सम्मान को पाकर सिर्फ अपने आप को ही नहीं, बल्कि पूरे सिलीगुड़ी एवं उत्तर बंगाल को गौरवान्वित किया है. वह संगठन की ओर से करीमुल हक की हर प्रकार से मदद के लिए तैयार हैं. शिशु शिक्षा स्कूल के प्रिंसिपल आरडी अंजाना ने बताया है कि वह करीमुल हक को दिल्ली भेजने के लिए सभी इंतजाम करने को तैयार हैं. कुछ इसी तरह की पेशकश अंतररराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध रोधी संगठन के उत्तर बंगाल जोन के अध्यक्ष नंदू गोस्वामी ने की है. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति भवन से बुलावा आये और पैसे के अभाव में पद्मश्री करीमुल हक उसमें शामिल न हो पायें, यह सभी के लिए दुर्भाग्यजनक है. इस संगठन के अध्यक्ष रमेश साह ने भी सरकार द्वारा करीमुल हक को बुलावा भेज देने तथा आने-जाने की कोई व्यवस्था नहीं करने पर अफसोस प्रकट किया है. श्री साह ने कहा है कि समाजसेवक हो या कलाकार, सरकार सम्मान तो दे देती है, लेकिन सम्मान पाने वाला गरीब व्यक्ति असम्मान की ठोकरें खाता है. सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता अथवा कलाकारों के लिए अब तक कोई भी योजना नहीं बना सकी है. उन्होंने सरकार से सम्मान देने के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता एवं कलाकारों को आर्थिक सुरक्षा देने की भी मांग की है.
करीमुल की सहायता को कई संस्थाएं आयीं सामने
जताया आभार: दूसरी ओर दिल्ली जाने की खुशखबरी पाकर करीमुल हक ने भी प्रसन्नता जतायी है. उन्होंने प्रभात खबर के साथ ही मदद की पेशकश करने वाले सामाजिक संगठनों को भी धन्यवाद दिया है. श्री हक ने कहा है कि वह दिल्ली जाकर यदि राष्ट्रपति से मिले, तो उत्तर बंगाल की विभिन्न समस्याओं की जानकारी उनको देंगे.

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