परमार्थ के अध्यक्ष रौशन कुमार झा ने बताया कि जिलाधिकारी ने एनजीटी के निर्देश को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. एनजीटी ने कहीं भी जुर्माने का जिक्र नहीं किया है. अपने हलफनामे में जिलाधिकारी ने महानंदा नदी की गहरायी 35 से 40 फीट बतायी है. जबकि सिलीगुड़ी में महानंदा की गहराई कहीं भी इतनी भी नहीं है. आखिरकार इतने छठव्रती पूजा के लिये कहां जायेगें. उन्होंने कहा कि घाट बनाने, नदी को साफ करने की व्यवस्था जिला प्रशासन या स्थानीय प्रशासन द्वारा की जानी चाहिए.
जिला प्रशासन को नदी प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के साथ नदी को स्वच्छ रखने की पूरी व्यवस्था करनी चाहिए. इसमे यथासंभव शहरवासी प्रसासन की सहायता करेंगे. इस संबंध में एसजेडीए के चेयरमैन सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि छठ पूजा को लेकर एक बैठक की गयी. इसमें छठ पूजा आयोजक कमिटियों के सदस्यों ने अपनी समस्याओं को सामने रखा है. एनजीटी के निर्देशानुसार ही छठ पूजा का आयोजन होगा.