कभी-कभी तो काम देनेवाले ठेकेदार ही इनसे बेईमानी कर देते हैं. मालिकों द्वारा मजदूरों पर झूठा आरोप लगा कर उन्हें हवालात तक भेज दिया जाता है. दूसरे राज्य में काम करने के लिए गये कई मजदूर लापता हो जाते हैं. नहीं तो असामाजिक कामकाज में जुड़ कर गलत रास्ते पर चले जाते हैं. लेकिन किसी मुसीबत में भी इन मजदूरों को प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल पाती है. श्रम आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार की ओर से उन्हें जिले से बाहर काम के लिए जा रहे लोगों के बारे में कोई रिकॉर्ड संरक्षित रखने के लिए कोई निर्देश नहीं जारी किया गया है. जिस कारण इस मामले में वह कुछ नहीं कर सकते.
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कूचबिहार : जिले से बाहर जा रहे हजारों मजदूर, प्रशासन बेखबर
कूचबिहार: हजारों की तादाद में लोग जिले से बाहर जा रहे हैं. वजह काम की तलाश. दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाने वाले मजदूर कई बार विभिन्न मुसीबतों में फंस जाते हैं, लेकिन इन्हें प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल पाती है. क्योंकि दूसरे राज्यों में जा रहे मजदूरों के बारे […]
कूचबिहार: हजारों की तादाद में लोग जिले से बाहर जा रहे हैं. वजह काम की तलाश. दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाने वाले मजदूर कई बार विभिन्न मुसीबतों में फंस जाते हैं, लेकिन इन्हें प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल पाती है. क्योंकि दूसरे राज्यों में जा रहे मजदूरों के बारे में कूचबिहार जिला प्रशासन के पास कोई ठोस रिकॉर्ड नहीं है. दूसरे राज्यों में जानेवाले मजदूरों के नामों के पंजीकरण के बारे में सरकार की ओर से कोई सख्त निर्देश भी नहीं है. इस कारण श्रम आयुक्त के पास भी दूसरे राज्यों में जानेवाले मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं रहती है.
उल्लेखनीय है कि कूचबिहार जिले के दिनहाटा व माथाभांगा महकमा क्षेत्रों के हजारों लोग हर साल विभिन्न राज्यों में ईंट भट्टा व भवन निर्माण के लिए मजदूर के तौर पर काम करने जाते हैं. दूसरे राज्यों में जाने वाले इन मजदूरों को कई बार ठगी का शिकार होना पड़ता है. कई बार ये लोग दलालों के चंगुल में फंस कर अपना सबकुछ गंवा देते हैं.
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