सिलीगुड़ी: कुछ दिनों से पेयजल की किल्लत के कारण हंगामा अभी थमा ही था कि मंगलवार को डेंगू को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम का माहौल गरमा गया है. इससे पहले तीन दिनों तक सिलीगुड़ी के सभी 47 वार्डों में पेयजल की आपूर्ति ठप थी. सोमवार से ही जल आपूर्ति की स्थिति स्वाभाविक हुई है. उसके बाद नगर निगम का माहौल शांत होने की उम्मीद जतायी जा रही थी. सोमवार को डेंगू से एक रोगी की मौत के बाद निगम में फिर से हंगामा शुरू हो गया. डेंगू से 38 वर्षीय सुस्मिता पाल की मौत हो गयी है. जबकि 50 से भी अधिक मरीज सिलीगुड़ी के विभिन्न अस्प्तालों में भर्ती है.
सुस्मिता पाल की खालपाड़ा के एक निजी नर्सिंगहोम में सोमवार रात करीब आठ बजे उसकी मौत हो गयी. सिलीगुड़ी में डेंगू से इस साल मौत की यह पहली घटना है. इस घटना के के बाद विरोधियों, खास कर तृणमूल कांग्रेस ने मेयर के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक जन अदालत लगायी गयी. इसमें तृणमूल के अधिकांश पार्षद उपस्थित थे. जज की भूमिका में नांटु पाल थे. काफी देर तक बहस के बाद जज बने नांटु पाल ने मेयर अशोक भट्टाचार्य को सभी मोरचे पर विफल रहने का दोषी ठहराया और उनसे इस्तीफा देने की मांग की. जन अदालत के बाद तृणमूल के पार्षद तथा समर्थक काफी देर तक नगर निगम परिसर में हंगामा करते रहे.
ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
डेंगू से सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में एक रोगी की मौत के बाद हर ओर खलबली मची हुई है. सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है. विभिन्न वार्डों में नगर निगम के कर्मचारी गये और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया. मेयर अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि डेंगू से निपटने के लिए नगर निगम ने अपने स्तर पर सारी तैयारी कर ली है. मच्छरों को मारने के लिए मच्छरनाशक तेल का छिड़काव किया जा रहा है.
मेयर ने भी दिया जवाब
दूसरी ओर, मेयर अशोक भट्टाचार्य ने तृणमूल की इस कार्रवाई को नाटक करार दिया है. संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी से ज्यादा गंभीर स्थिति दक्षिण बंगाल में विभिन्न हिस्सों की है. दमदम तथा सॉल्टलेक आदि इलाके में डेंगू ने काफी गंभीर रूप धारण कर लिया है. वहां अब तक कई मरीजों की मौत हो चुकी है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को सिलीगुड़ी में नहीं बल्कि सॉल्टलेक तथा दमदम जाकर आंदोलन करना चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि डेंगू के रोकथाम में नगर निगम की भूमिका कुछ अधिक नहीं है. नगर निगम का काम साफ-सफाई करवाना तथा आम लोगों को जागरूक करना भर है. डेंगू से निपटने की जिम्मेदारी जिला स्वास्थ्य विभाग की है. स्वास्थ्य विभाग राज्य सरकार के अधीन है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को पहले राज्य सरकार से इसका जवाब मांगना चाहिए.