23 चाय श्रमिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस ज्वाइंट फोरम की बैठक में एक प्रस्ताव लेकर बोनस को लेकर होने वाली त्रिपक्षीय वार्ता सिलीगुड़ी में करने की मांग की गई है. इसके लिए अनुरोध करते हुए चाय बागान मालिकों के संगठन को सीसीपीए को पत्र देने का फैसला लिया गया. बैठक में लिये गये फैसले के अनुसार, चाय बागान मालिकों के संगठन कंसल्टेटिव कमेटी ऑफ प्लांटर्स एसोसिएशन (सीसीपीए) को पत्र दिया गया है.
अगले सप्ताह से आदिवासियों का महापर्व करम पूजा शुरू होने जा रही है. इसलिए आदिवासी चाय श्रमिकों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए बोनस की वार्ता में देर नहीं की जाये. इसके लिए एक विकल्प यह है कि यह वार्ता सिलीगुड़ी में हो. चाय बागानों के मालिक विमान से सिलीगुड़ी पहुंच सकते हैं. उल्लेखनीय है कि बाढ़ से उत्पन्न हालात के चलते उत्तर बंगाल का दक्षिण बंगाल से संपर्क कट गया है. यहां तक कि रेल विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि 28 अगस्त से पहले रेल यातायात स्वाभाविक होने की संभावना कम है.
ऐसे में कोलकाता में बोनस को लेकर वार्ता करना व्यावहारिक नहीं होगा. जियाउल आलम ने कहा कि यदि यातायात के चलते बोनस की वार्ता टल जाती है, तो इससे चाय श्रमिकों को परेशानी होगी. इस संबंध में चाय बागान मालिकों के संगठन सीसीपीए के घटक टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टाई) के डुवार्स शाखा सचिव रामअवतार शर्मा ने बताया कि हाल में आयी बाढ़ के चलते कई चाय बागान पानी में डूबे हुए हैं. ऐसी हालत में चाय श्रमिक संगठनों को गेट मीटिंग नहीं करनी चाहिए. वैसे बोनस की वार्ता को लेकर अंतिम निर्णय सीसीपीए ही लेगा. हमलोग हालात पर नजर रखे हुए हैं.