सिलीगुड़ी. दो दिनों पहले दार्जिलिंग तथा कालिम्पोंग में हुए बम विस्फोट की घटना की जांच एनआइए से कराने की मांग गोजमुमो ने दोहरायी है. गोजमुमो का कहना है कि इस बम विस्फोट से गोजमुमो का कोई लेना-देना नहीं है. अलग गोरखालैंड राज्य की मांग काफी पुरानी है और इसको हासिल करने के लिए गणतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी है. वर्तमान में भी गोजमुमो की ओर से गणतांत्रिक तथा अहिंसक तरीके से गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.
गोजमुमो के संयुक्त सचिव तथा सेंट्रल कमेटी के सदस्य विनय तमांग ने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि दार्जिलिंग पहाड़ तथा तराई डुवार्स को लेकर गोरखालैंड राज्य बनाने के लिए 1907 से ही आंदोलन जारी है, लेकिन उसके बाद भी गोरखाओं की मांग पूरी नहीं की गई है. वर्तमान में वे लगभग 65 दिनों से पहाड़ पर अलग राज्य की मांग को लेकर बेमियादी बंद जारी है. इसके बाद भी राज्य या केन्द्र की ओर से इस मांग की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है.
उन्होंने इस मामले को लेकर मीडिया वालों पर भी निशाना साधा. बयान में श्री तमांग ने कहा है कि न केवल राज्य सरकार, बल्कि मीडिया के भी एक वर्ग द्वारा गोजमुमो सी सांठगांठ माओवादियों तथा उग्रवादियों के साथ होने की बातें कही जा रही हैं. एक बार यदि एनआइए इस मामले की जांच करे, तो सबकुछ साफ हो जायेगा. श्री तमांग ने आगे कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के जज की देखरेख में एनआइए को बम विस्फोट की घटना की जांच करनी चाहिए. श्री तमांग ने अपने बयान में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सरकार से बातचीत करने के लिए पहल करने की भी अपील की.
गोरखालैंड आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश
बम विस्फोट की घटना में गोजमुमो का नाम जोड़कर गोरखालैंड आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. इसके लिए उन्होंने सीधे-सीधे राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बम विस्फोट की घटना के बाद से गोजमुमो का नाम माओवादियों तथा पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादी संगठनों के साथ जोड़ा जा रहा है. दरअसल यह एक सूची समझी साजिश है.
विस्फोट में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाये
श्री तमांग ने साफ-साफ कहा कि दार्जिलिंग के सुपर मार्केट तथा कालिम्पोंग के थाना दारा में जो बम विस्फोट की घटना हुई है उससे गोजमुमो का किसी प्रकार का कोई संपर्क नहीं है. वह खुद चाहते हैं कि इस घटना में जो भी शामिल रहा हो उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. वह पहले भी पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही एनआइए जांच की मांग कर चुके हैं. वह एक बार फिर से राज्य एवं केन्द्र सरकार से पूरे मामले की जांच एनआइए से कराने की मांग कर रहे हैं.