रविवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए गोरामुमो के महासचिव महेंद्र छेत्री ने कहा कि गोरखालैंड आंदोलन को दबाने के लिए ही इस प्रकार की साजिश रची जा रही है. पहाड़ पर शांति बहाल करने के लिए राज्य सरकार को आंदोलनकरियों के साथ विचार-विमर्श की पहल करनी चाहिए. हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ गोजमुमो की बैठक हुई थी. उनकी अपील पर गोजमुमो ने आमरण अनशन वापस ले लिया है. इस समय राज्य सरकार को त्रिपक्षीय वार्ता की पहल करनी चाहिए.
श्री छेत्री ने कहा की पहाड़ की स्थिति संवेदनशील है. सभी शांति चाहते है, लेकिन इसके लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी होगी. यदि राज्य सरकार खुद पहल करने से कतरा रही है तो किसी मध्यस्थ का सहारा ले सकती है. हम लोग वार्ता के लिए तैयार हैं. लेकिन राज्य सरकार ने पहले ही वार्ता के लिए बंद वापस लेने की शर्त रख दी है. उन्होंने कहा कि गोजमुमो भी गोरखालैंड के अलावा किसी मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है. जबकि बातचीत की प्रक्रिया बिना किसी शर्त के शुरू करनी चाहिए. वार्ता शुरू होने पर हरेक मसले पर विचार किया जायगा. राज्य सरकार को वार्ता का माहौल तैयार कर सभी आंदोलनकारियों को साथ लेकर विचार-विमर्श के मंच पर बैठना चाहिए.
विस्फोट कांड में गोजमुमो को क्लीन चिट देते हुए श्री छेत्री ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उनका कहना है कि इस कांड में विदेशी एजेंट का भी हाथ हो सकता है. इसकी जांच की जानी चाहिए.