सिलीगुड़ी. इंडियन ऑयल डिपो में लगी भीषण आग की जांच में जुटी खुफिया विभाग की टीम ने इलाके के तेल माफिया पर शिकंजा कस दिया है. फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट के आधार पर सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की खुफिया विभाग व न्यू जलपाईगुड़ी थाने की पुलिस ने आइओसी के आस-पास के इलाके में लगातार अभियान चलाया. इस अभियान में करीब तीन हजार लीटर चोरी का तेल बरामद हुआ है. इसके अतिरिक्त चोरी का तेल रखने के लिए बनाये गये कई भूमिगत टैंकों को भी सील किया है. खुफिया विभाग व पुलिस ने तेल चुराकर बेचने का अवैध कारोबार करनेवाले इस गिरोह को उखाड़ने की ठान ली है.
गौरतलब है कि शनिवार देर रात न्यू जलपाईगुड़ी स्थित इंडियन ऑयल तेल डिपो में भीषण अग्निकांड हुआ. दमकल विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था. इस घटना की जांच सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट ने खुफिया विभाग को सौंपी. घटना स्थल की बारीकी से जांच कर सुराग तलाशने के लिये कोलकाता से फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया. जांच के बाद फॉरेंसिक टीम ने भीषण अग्निकांड के लिये तेल चोरी को मुख्य कारण बताया. फॉरेंसिक की रिपोर्ट के बाद खुफिया विभाग और सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस टीम ने तेल माफिया के सिंडिकेट पर छापा मार दिया. इस अभियान में तीन हजार लीटर चोरी का तेल बरामद किया गया. पुलिस ने बरामद तेल को जब्त कर लिया है. हांलाकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
यहां बता दें कि इससे पहले भी आइओसी डिपो इलाके में तेल चोरी की वजह से अग्निकांड की घटना घट चुकी है. उस दौरान भी पुलिस ने भारी मात्रा ने चोरी का तेल जब्त कर इस गिरोह की कमर तोड़ दिया था. समय के साथ तेल चोरी के अवैध कारबार से जुड़े लोगों ने फिर से अपना सिंडीकेट खड़ा कर लिया. खुफिया विभाग की जांच में आइओसी के कई बड़े अधिकारियों व कई स्थानीय प्रतिष्ठित व्यक्तिों, नेताओं का नाम भी सामने आया है.
तेल सिंडीकेट के खिलाप चलाये गये इस अभियान में भूमिगत टैंक देखकर पुलिस भी हैरान है. आइओसी डिपो से सटे इलाकों में स्थित घर, दुकान आदि में भूमिगत टैंक बनाकर रखा गया है. प्राय: सभी टैंक तेल से भरी हुए थे. पुलिस ने इन टैंकरो को सील कर दिया है. साथ ही इलाके में छापेमारी जारी है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन अभियान जारी रहेगा. तीन हजार लीटर तेल जब्त करने के बाद भी पुलिस प्रसासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले भी अग्निकांड की घटना घट चुकी है. उस समय भी पुलिस ने तेल माफिया पर हाथ डाला था लेकिन वह अभी भी आबाद है. फिर इस बात की क्या गारंटी है कि इस बार प्रसासन तेल माफिया को पूरी तरह से समाप्त कर पायेगी.