कोलकाता. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवा चुके कई शिक्षक शुक्रवार को भी फूट-फूट कर रोते नजर आये. कल तक ये शिक्षक बच्चों को शिक्षा दे रहे थे, आज खुद को भी नहीं समझा पा रहे हैं. जीव विज्ञान के शिक्षक पुष्पेंदु पाल ने कहा, “योग्य लोगों की नौकरियां अयोग्य लोगों के हाथों में चली गयीं. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? अब वे अपना परिवार कैसे चलायेंगे. डॉ बीसी रॉय मेमोरियल हाइस्कूल, पश्चिम श्रीपतिनगर, अचिंत्यनगर ग्राम पंचायत, पाथरप्रतिमा ब्लॉक, दक्षिण 24 परगना के कई शिक्षक व गैर शिक्षाकर्मियों की नौकरी चली गयी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छह लोगों की नौकरी चली गयी. यहां चार शिक्षण एवं दो गैर-शिक्षण कर्मचारी हैं. एकमात्र व्यक्ति जिसके पास नौकरी है, वह हैं प्रभारी शिक्षक, लेकिन वह अकेले स्कूल कैसे चलायेंगे? यह बड़ा संकट है. फैसला गुरुवार को सुनाया गया, शुक्रवार की सुबह देखा गया कि स्कूल पहुंच कर वे फूट-फूट कर रोने लगे. एक शिक्षक ने कहा कि मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा इस स्कूल से जुड़ा है, लेकिन उस स्कूल से उसकी नौकरी चली गयी. अब मुझे फिर से परीक्षा देनी होगी, लेकिन यह भी अनिश्चितता है. अत्यधिक अनिश्चितता से भरा है, उनका जीवन. कुछ शिक्षकों ने कहा कि वह अब क्या करेंगे, उनको कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है