कोलकाता.
तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को मतदाता पहचान-पत्र क्रमांक के दोहराव पर निर्वाचन आयोग के स्पष्टीकरण को ‘ढकोसला व परदा डालने की कोशिश’ करार देते हुए इसे खारिज कर दिया और आयोग के ही दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि दो पहचान-पत्रों पर एक ही नंबर नहीं हो सकता. तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को क्रमांक के दोहराव को ”घोटाला” करार देते हुए कहा था कि निर्वाचन आयोग को 24 घंटे के भीतर इस भूल को स्वीकार करना चाहिए. मंगलवार को पार्टी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग के स्पष्टीकरण का जवाब देने के लिए ‘निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के लिए पुस्तिका’ के कुछ अंश साझा किये. इस मुद्दे को सबसे पहले पार्टी सुप्रीमो व मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने उठाया था. गोखले ने कहा : सोमवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने भारत निर्वाचन आयोग (इसीआइ) को इपीआइसी (मतदाता फोटो पहचान पत्र) के दोहराव वाले अनुक्रमांक फर्जीवाड़े पर 24 घंटे के भीतर भूल स्वीकार करने के लिए कहा था. यह स्पष्ट है कि आयोग अब बेनकाब हो चुका है और मामले पर लीपापोती करना चाहता है.सांसद ने कहा : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सवाल उठाने के बाद रविवार को आयोग ने जो जवाब दिया था वह ‘स्पष्टीकरण’ वास्तव में ढकोसला और परदा डालने वाला है. उन्होंने स्वीकार किया है कि कुछ गड़बड़ है, लेकिन इसे स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं. आयोग द्वारा दिया गया झूठा ‘स्पष्टीकरण’ उनके अपने नियमों और दिशानिर्देशों का खंडन करता है. उन्होंने कहा कि इपीआइसी कार्ड जारी करने की प्रक्रिया इसीआइ की ‘निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी पुस्तिका’ में बतायी गयी है.
आयोग ने इस पर कहा था कि कुछ राज्यों द्वारा एक ही ‘अल्फान्यूमेरिक सीरीज’ का उपयोग करने के कारण एक ही नंबर वाले इपीआइसी कार्ड कई मतदाताओं को जारी किये गये हैं. गोखले ने पुस्तिका के कुछ अंश साझा करते हुये कहा कि यह असंभव है, क्योंकि कार्यात्मक विशिष्ट क्रमांक (एफयूएसएन) प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग हैं.गोखले ने कहा : इसमें स्पष्ट रूप से भाजपा के पक्ष में मतदाताओं को करने की साजिश की बू आती है, जहां गैर-भाजपा शासित क्षेत्रों के मतदाताओं को निशाना बना कर उनके मतदाता पहचान पत्र नंबर अन्य राज्यों के लोगों को जारी किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा : आयोग को स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि वर्तमान में कितने इपीआइसी कार्ड सक्रिय हैं और उनमें से कितने एक ही नंबर के हैं. उन्होंने कहा : निर्वाचन आयोग को इस पर स्पष्ट होना चाहिए और इस ‘डुप्लिकेट वोटर आईडी घोटाले’ की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.
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