संज्ञान में लिया नगर निगम ने, होगी जांच
संवाददाता, कोलकातासरकारी बाबुओं पर नकेल कसने के लिए कोलकाता नगर निगम ने अपने कर्मचारियों ऑनलाइन अटेंडेंस को अनिवार्य पहले ही कर दिया था. निगम में फेस रीडर बायोमेट्रिक अटेंडेंस और बायोमेट्रिक थंब स्कैनर लगाया गया है. फील्ड वर्क वाले कर्मचारी व अधिकारियों के लिए थंब स्कैनर और निगम मुख्यालय में बैठक कर कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए फेस रीडर बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था है. कर्मचारियों की उपस्थिति दुरुस्त करने के लिए निगम की ओर से यह व्यवस्था कर तो दी गयी है पर निगरानी ना होने की वजह से लेटलतीफ कर्मचारी अब तक बचे हुए हैं. ऐसे कर्मचारी मनमाने ढंग से ही दफ्तर पहुंच रहे हैं. निगम सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्धारित ड्यूटी टाइम पर महीने में तीन बार करीब 15 मिनट विलंब करने वाले कर्मचारी व अधिकारियों की एक आकस्मिक अवकाश (कैजुअल लीव-सीएल) समाप्त हो जायेगी. लेकिन निगम की अनदेखी की वजह से ऐसा नहीं हो रहा. ऐसे में अटेंडेंस के डिजिटल होने के बाद भी लेटलतीफ कर्मचारियों की मौज हैं. वे टाइम पर दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्किंग, लाइसेंस विभाग के छोड़कर अन्य सभी विभागों के कर्मचारी आये दिन विलंब से दफ्तर पहुंचते हैं. ऐसे अधिकारियों का ना तो सीएल कट रही है और ना ही उन पर कोई कार्रवाई हो रही है. ऐसे में निगम के कुछ अधिकारियों का मानना है कि ऐसे लेट लतीफ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है. ऐसा नहीं होने से निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है. क्योंकि देरी से ऑफिस पहुंचने वाले लोग काम कम कर रहे हैं पर पूरा वेतन ले रहे हैं. इसलिए उन पर कार्रवाई होना जरूरी है. इस संबंध में निगम के एक आला अधिकारी ने बताया कि उन्हें अब तक किसी भी विभाग से ऐसी शिकायत नहीं मिली है. हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि वह इस मामले में देखेंगे और देरी से दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार उचित कार्रवाई भी की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

