हावड़ा. औद्योगिक शहर हावड़ा की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में हावड़ा नगर निगम (एचएमसी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना के तहत निगम जल्द ही अत्याधुनिक स्प्रिंकलर मशीनों से कृत्रिम बारिश करायेगा, जिससे हवा में मौजूद धूलकणों की मात्रा कम की जा सके. हावड़ा में वायु प्रदूषण के चलते लोगों को सांस की बीमारी, एलर्जी और फेफड़ों की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति को देखते हुए एचएमसी अब चार उच्च क्षमता वाली (3000 लीटर) स्प्रिंकलर मशीनें एक वर्ष के लिए किराये पर ले रहा है. इन मशीनों का इस्तेमाल प्रमुख सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर पानी के छिड़काव के लिए किया जायेगा, जिससे धूल कम होगी और हवा की गुणवत्ता में सुधार आयेगा. इसके अलावा, इन मशीनों से पेड़ों पर भी पानी छिड़का जायेगा.
हावड़ा को मिलेगा स्वच्छ सांस का तोहफा
नगर निगम आया हरकत में : राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेतावनी के बाद हावड़ा नगर निगम सक्रिय हो गया है. एचएमसी प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुजय चक्रवर्ती ने बताया कि स्प्रिंकलर मशीनों के जरिये नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जायेगा, ताकि हवा में मौजूद धूलकणों को नियंत्रित किया जा सके. यह पहल शहरवासियों के लिए राहत की सांस साबित हो सकती है.दिल्ली से मिली प्रेरणा, कोलकाता-हावड़ा में शुरू हुई पहल
गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण स्कूलों तक को बंद करना पड़ा था. उस अनुभव से सबक लेते हुए राज्य के नगरपालिका व शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कोलकाता नगर भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. बैठक में कोलकाता और हावड़ा नगर निगमों के अधिकारियों, परिवहन विभाग, पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बोस संस्थान के वैज्ञानिकों ने भाग लिया.बोस संस्थान के विशेषज्ञों से हावड़ा और कोलकाता में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कारगर उपायों पर सुझाव मांगे गये थे. इसके बाद स्प्रिंकलर मशीनों का प्रयोग, लकड़ी व कोयले के चूल्हों पर रोक और अन्य कदमों की सिफारिश की गयी.
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