वित्त राज्य मंत्री ने दिये जवाब कोलकाता. भाजपा के राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने मंगलवार को मॉनसून सत्र में वित्त मंत्री से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे. उन्होंने पूछा कि लाभप्रदता, गैर-निष्पादित (एनपीए) और पूंजी पर्याप्तता अनुपात के संदर्भ में पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति क्या है? विलय के बाद बनी इकाई वर्तमान में कितनी शाखाएं संचालित करती हैं और इसके विस्तार की क्या योजनाएं हैं. विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में. वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बैंक द्वारा, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों के बीच, क्या विशिष्ट पहल की जा रही हैं? पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक की वर्तमान जनशक्ति कितनी है, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों की संख्या शामिल है, और कितनी रिक्तियां हैं? इन सवालों के जबाव में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 30 जून तक पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक (डब्ल्यूबीजीबी) की वर्तमान वित्तीय स्थिति के तहत शुद्ध लाभ 84.91 करोड़ रुपये, सकल एनपीए 5.94%, शुद्ध एनपीए 0.40%, पूंजी-जोखिम-भारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 13.10% है. इसके अलावा विलय के बाद चालू वित्त वर्ष में मई महीने की पहली तारीख से प्रभावी, डब्ल्यूबीजीबी 960 शाखाओं के साथ कार्यरत है. ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में बैंक की पहुंच बढ़ाने के लिए बैंक ने एक व्यापक संभावित विश्लेषण के आधार पर, व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) को तैनात करने और नयी शाखाएं खोलने की योजना बनायी है.
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