कोलकाता. मंगलवार तड़के एनटीपीसी द्वारा संचालित निजी रेलवे लाइन पर दो मालगाड़ियों की आमने-सामने की टक्कर में दो ट्रेन चालकों की मौत हो गयी. इसमें एक ट्रेन चालक गंगेश्वर मल मंगलवार को ही रिटायर्ड होने वाले थे. लेकिन इत्तफाक से यह दिन ही उनके जीवन का आखिरी दिन साबित हुआ. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के लोको पायलट के रूप में कार्यरत मुर्शिदाबाद के जियागंज निवासी गंगेश्वर मल की मंगलवार को इंजन में ड्यूटी थी. 31 मार्च को झारखंड से अजीमगंज जंक्शन पर रेल इंजन वापस जमा करके औपचारिक रूप से वह सेवानिवृत्त होने वाले थे. सहकर्मियों द्वारा फरक्का और अजीमगंज में दो अलग-अलग विदाई समारोह आयोजित किये गये थे. तभी एनटीपीसी कर्मियों के बीच गंगेश्वर की मौत की खबर पहुंची. अपने सहकर्मी की मौत की खबर से सब सन्न रह गये. वैसे तो 65 वर्षीय गंगेश्वर मल की सेवा अवधि 2020 में ही समाप्त हो गयी थी, लेकिन उनके अच्छे व्यवहार और कार्य कुशलता को देखते हुए उनकी ट्रेन चालक की सेवा पांच साल के लिए बढ़ा दी गयी थी.उल्लेखनीय है कि मंगलवार तड़के करीब 3.30 बजे गोड्डा जिले के ललमटिया इलाके से कोयला लदी ट्रेन फरक्का एनटीपीसी की ओर जा रही थी. झारखंड के बरहेट क्षेत्र में लूप लाइन पर खड़ी एक खाली मालगाड़ी के इंजन से मालगाड़ी की सीधी टक्कर हो गयी. दो इंजनों के बीच हुई टक्कर में एनटीपीसी मालगाड़ी के दो चालक अंबुज महतो और गंगेश्वर समेत तीन लोगों की मौत हो गयी.
हादसे में चार सीआइएसएफ जवान भी जख्मी हो गये.
बताते हैं कि एनटीपीसी के स्वामित्व का यह रेल मार्ग कहलगांव और फरक्का ताप विद्युत संयंत्रों को जोड़ता है और इसे आमतौर पर एनटीपीसी ललमटिया एमजीआर के नाम से जाना जाता है. दुर्घटना के बाद एक बयान में एनटीपीसी ने कहा कि संबंधित एमजीआर लाइन का स्वामित्व और रखरखाव उनके द्वारा किया जाता है. यह भारतीय रेलवे के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, इसलिए, भारतीय रेलवे का इस दुर्घटना से कोई लेना-देना नहीं है.
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