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राज्य सरकार की नयी ओबीसी सूची में जोड़े गये फर्जी समुदायों के नाम : शुभेंदु

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार द्वारा नये सिरे से शुरू किये गये ओबीसी सूची के सर्वेक्षण पर सवाल उठाया है.

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साधा निशाना. नये सिरे से शुरू किये गये सर्वेक्षण पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाये सवाल

संवाददाता, कोलकाताविधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार द्वारा नये सिरे से शुरू किये गये ओबीसी सूची के सर्वेक्षण पर सवाल उठाया है. बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अधिकारी ने कहा कि ओबीसी सूची में ऐसे समुदायों को जोड़ा गया है, जिनके नाम पहले कभी नहीं सुने गये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नयी ओबीसी सूची में पूरी तरह से काल्पनिक, मनगढ़ंत और अस्तित्वहीन समुदायों को जोड़ा गया है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने ओबीसी सूची में दर्जी नाम से समुदाय जोड़ा है. उन्होंने दावा किया कि इस नाम का कोई समुदाय ही नहीं होता.

गौरतलब है कि यह सर्वेक्षण राज्य सरकार ने 18 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय में किये गये अपने वादे के तहत शुरू किया है. हालांकि, शुभेंदु अधिकारी ने इसे लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने बुधवार को एक दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि राज्य सरकार ने 18 मार्च को अदालत को बताया कि वह ओबीसी सूची की नये सिरे से सर्वेक्षण करने जा रही है, लेकिन राज्य सरकार ने 10 मार्च से यह शुरू कर दिया था. यानी राज्य सरकार ने अदालत को भी मामले में गुमराह किया है.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कलकत्ता हाइकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया गया था. अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने तीन महीने के भीतर नये सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया था.

हालांकि, शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि नया सर्वे भी पिछली सूची के आधार पर किया जा रहा है. जिस आधार पर पहले हाइकोर्ट ने 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिये थे. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बिना किसी वैज्ञानिक डेटा के, काल्पनिक समुदाय बना कर, हिंदू ओबीसी समुदायों के हक को छीनने की साजिश कर रही है.

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह कल्याण के नाम पर तुष्टीकरण की साजिश है. तृणमूल कांग्रेस सरकार अपने वोट बैंक को फायदा पहुंचाने के लिए गलत ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने को सही ठहराने की कोशिश कर रही है. यह सर्वे भी पूरी तरह भ्रामक और त्रुटिपूर्ण है.

दावे के समर्थन में जारी किया सर्वे फॉर्म

उन्होंने अपने दावे के समर्थन में पूर्व मेदिनीपुर जिले की नंदीग्राम विधानसभा सीट का सर्वे फॉर्म भी साझा किया, जहां से वे खुद विधायक हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वे फॉर्म में ऐसे समुदायों के नाम शामिल किये गये हैं, जो पहले कभी सुने ही नहीं गये और पूरी तरह काल्पनिक हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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