कोलकाता.
राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को धनधान्य ऑडिटोरियम में बैठक करेंगी. स्टेट लेवल ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी (शिकायत निवारण समिति) की ओर से धनधान्य ऑडिटोरियम में आयोजित बैठक में सीएम प्रधान अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी. इस बैठक में राज्य भर के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, अस्पताल अधीक्षक, जिलों के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों को आमंत्रित किया गया है. बैठक सुबह 11.30 बजे से शुरू होगी. वहीं इस बैठक में किसी चिकित्सक संगठन को आमंत्रित नहीं किया गया है. लेकिन, सरकार मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत कोई भी चिकित्सक आमंत्रण पत्र के साथ ही बैठक में हिस्सा ले सकते हैं. वहीं, बैठक से पहले चिकित्सकों के संगठन ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स की ओर से सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है. शनिवार को चिकित्सकों के इस संगठन की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीएम को पत्र दिये जाने के संबंध में जानकारी दी गयी है. बता दें कि सीएम ममता बनर्जी राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. ऐसे में चिकित्सकों ने अपने पत्र में यह लिखा है है कि 24 फरवरी को धनधान्य सभागार में आपकी (सीएम) की उपस्थिति में होने वाली बैठक में सरकारी अस्तालों के चिकित्सक उपस्थित रहेंगे. ऐसे में ज्वाइंट फ्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स और अभय मंच की ओर से, हम आपके (सीएम) सामने कुछ जरूरी चिंताएं प्रस्तुत करते हैं. हमें उम्मीद है कि हमारे चिंताओं को दूर करने के लिए उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी. इस पत्र में चिकित्सकों के संगठन की ओर से सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या भी गिनाई गयी है. लिखा गया है कि, आरटीआई डेटा के अनुसार, डॉक्टरों के लगभग 40 और पैरामेडिकल और सहायक कर्मचारियों के लगभग 70 फीसदी पद रिक्त हैं. इस गंभीर कमी को देखते हुए, सेवा की गुणवत्ता बनाये रखना और विस्तारित सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की बढ़ती स्वास्थ्य सेवा मांगों को पूरा करना व्यावहारिक रूप से असंभव है.बैठक से पहले चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र :
चिकित्सकों ने सीएम को लिखे पत्र में सरकारी अस्पतालों में जारी थ्रेट कल्चर, मेडिकल कॉलेज में परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र का वायरल होना,चिकित्सकों के ट्रांसफर,पोस्टिंग, शव की तस्करी (मेडिकल कार्यों के लिए) पर रोक लगाने के मांग की है. इसके अलावा वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल, वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस और स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड जैसी संस्थाओं ने भी हाल के दिनों में वित्तीय भ्रष्टाचार,पारदर्शिता और नैतिकता खत्म हो गयी है. ऐसे में इन संस्थाओं में लोकतांत्रिक स्थान को कुचलकर एक दमनकारी निरंकुश प्रभुत्व स्थापित हो चुका है. चिकित्सकों ने लिखा है कि हमें दृढ़ विश्वास हैं आप (सीएम) हमारे ओर से उल्लेख किये गये विषयों पर विचार करेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है