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महानगर व हावड़ा की सड़कों की बदहाल स्थिति पर केएमडीए ने हाइकोर्ट में पेश की रिपोर्ट

कलकत्ता हाइकोर्ट ने अधिवक्ता आकाश शर्मा ने कोलकाता शहर, हावड़ा और आसपास के निकाय क्षेत्रों में सड़कों, फ्लाइओवरों और कनेक्टरों की खराब और खतरनाक स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर थी,

संवाददाता, कोलकाता

कलकत्ता हाइकोर्ट ने अधिवक्ता आकाश शर्मा ने कोलकाता शहर, हावड़ा और आसपास के निकाय क्षेत्रों में सड़कों, फ्लाइओवरों और कनेक्टरों की खराब और खतरनाक स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने केएमडीए सहित अन्य सरकारी संस्थानों से रिपोर्ट तलब किया था. शुक्रवार को केएमडीए ने हाइकोर्ट के निर्देशानुसार अदालत में हलफनामा के माध्यम से रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में केएमडीए ने कई स्थानों पर किये गये मरम्मत कार्यों, गड्ढों को पाटने और मस्टिक एस्फाल्ट लगाने जैसे सुधारों का उल्लेख किया है.

केएमडीए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अंबेडकर ब्रिज, ढाकुरिया ब्रिज, जीबानानंदा सेतू (जादवपुर–अनवर शाह कनेक्टर), चिंगरीघाटा फ्लाईओवर सहित सॉल्टलेक के कई क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत की गयी है. साथ ही बताया गया है कि सियालदह फ्लाईओवर (विद्यापति सेतु) नवीनीकरण कार्य 31 दिसंबर 2025 तक पूरा होने का अनुमान है. इसके साथ ही केएमडीए ने मां फ्लाईओवर, गार्डन रीच फ्लाईओवर, उल्टाडांगा फ्लाईओवर आदि पर नियमित सफाई और सतह मरम्मत का दावा किया है. हालांकि, जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता आकाश शर्मा ने केएमडीए की रिपोर्ट पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि केएमडी हर साल यह करती है, लेकिन एक ही बारिश में सड़कों की अवस्था जर्जर हो जाती है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में किसी भी दीर्घकालिक, वैज्ञानिक एवं संरचनात्मक योजना का उल्लेख नहीं है. केएमडीए केवल पोटहोल भराई, पैचवर्क और मस्टिक एस्फाल्ट को ही समाधान बता रहा है.

इसके साथ ही शहर के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अधिक प्रभावित मार्ग- ईएम बाईपास, आनंदपुर-रूबी मोड़, साइंस सिटी कनेक्टर, सेक्टर 5 एप्रोच रोड का उल्लेख नहीं किया गया है. इसके साथ ही गरियाहाट फ्लाईओवर, पाटुली फ्लाईओवर, विद्यासागर सेटु के एंट्री–एग्जिट प्वाइंट, ढाकुरिया रेल ओवर ब्रिज के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. अधिवक्ता शर्मा ने कहा कि केएमडीए की रिपोर्ट यह नहीं बताती कि हर साल असफल होने वाली बिटुमिनस तकनीक को ही क्यों जारी रखा गया है. यह आम जनता के जीवन, सुरक्षा और टैक्स के उपयोग-तीनों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि शहर को वैज्ञानिक और टिकाऊ सड़क निर्माण की आवश्यकता है, न कि मौसमी पैचवर्क की. उन्होंने हाइकोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.

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