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पुलिस की केस डायरी से अहम दस्तावेज गायब होना दुर्भाग्यपूर्ण

अदालत ने केस डायरी में उपलब्ध आपत्तिजनक सामग्री और डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर, जिसमें पीड़ित के महत्वपूर्ण अंग पर गंभीर चोट का उल्लेख था, अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.

हाइकोर्ट ने डीजीपी को जांच पर विचार करने का दिया निर्देश कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त टिप्पणी की, क्योंकि अदालत में भेजी गयी केस डायरी की प्रति से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब पाये गये. राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत में बताया कि केस डायरी से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं. इस पर हाइकोर्ट के न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसे पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के संज्ञान में लाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी भी कारणवश राज्य के वकील को जो केस डायरी की प्रति दी गयी, उसमें ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल नहीं थे, जैसे पीड़ित का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट, जो गंभीर चोटों को दर्शाता था. केवल तब जब जांच अधिकारी को मुख्य केस डायरी के साथ बुलाया गया, यह बात सामने आयी. अब यह उपयुक्त प्राधिकारियों पर निर्भर करता है कि इस मामले में जांच करायी जाये या नहीं. आदेश की प्रति विशेष दूत के माध्यम से पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भेजी जाये. अदालत ने केस डायरी में उपलब्ध आपत्तिजनक सामग्री और डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर, जिसमें पीड़ित के महत्वपूर्ण अंग पर गंभीर चोट का उल्लेख था, अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.

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