कोलकाता. पिछले मई में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को छह सप्ताह के भीतर महंगाई भत्ता (डीए) के बकाया का 25 प्रतिशत भुगतान करने को कहा था, लेकिन राज्य ने उस अवधि के भीतर बकाया भुगतान नहीं किया. जिस दिन छह सप्ताह की अवधि समाप्त हुई, उसी दिन राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में छह महीने का समय मांगते हुए एक मामला दायर किया. सोमवार को शीर्ष अदालत में इन सभी मुद्दों पर सुनवाई होगी. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ के समक्ष आएगा. क्या राज्य को और छह महीने का समय दिया जायेगा? सभी पक्ष इस समय इसका उत्तर तलाश रहे हैं. राज्य सरकार ने 27 जून को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा कि फिलहाल राज्य वित्तीय संकट से जूझ रहा है. इसलिए बकाया डीए का 25 प्रतिशत भुगतान करने के लिए और समय चाहिए.
राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की समीक्षा का भी अनुरोध किया था. पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों को वर्तमान में 18 प्रतिशत की दर से डीए मिलता है.
कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बजट भाषण के दौरान डीए में चार प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की थी. इसके बाद डीए 14 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

