कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को करीब 637 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच के तहत बंगाल समेत नयी दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गोवा के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की. यह अभियान बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन के दो मामलों की जांच के सिलसिले में चलाया गया. सूत्रों ने बताया कि अरविंद रेमेडीज कंपनी और उसके प्रवर्तक अरविंद बी शाह के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कोलकाता के कांकुड़गाछी, सॉल्टलेक व कूचबिहार के अलावा तमिलनाडु के चेन्नई और कांचीपुरम, नयी दिल्ली, महाराष्ट्र और गोवा के कुछ परिसरों पर छापेमारी की गयी. बताया जा रहा है कि जुलाई 2021 का धन शोधन मामला अक्तूबर 2016 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित है, जिसमें आरोपी कंपनी और उसके प्रवर्तक पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से करीब 637 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. वित्त वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक की कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से प्राप्त कंपनी के ऑडिट किये गये खातों और 294 बैंक खातों का विश्लेषण किया गया. इस जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने एक विस्तृत मनी ट्रेल (वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड) तैयार किया. सूत्रों ने बताया कि बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला है कि बैंक से मिली रकम को प्रवर्तकों द्वारा नियंत्रित की जा रही ‘मुखौटा’ कंपनियों के जरिये गलत तरीके से निकाल लिया गया. एक अन्य मामले में इडी ने गुप्ता एक्जिम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ जांच के तहत कुल 10 परिसरों (दिल्ली में नौ और पुणे में एक) पर छापे मारे. धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज ईडी का यह मामला कंपनी, उसके प्रवर्तकों व निदेशकों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दर्ज की गयी एक प्राथमिकी पर आधारित है. इन पर पंजाब नेशनल बैंक (पूर्व में ई-ओबीसी बैंक) से लिये गये लगभग 425 करोड़ रुपये के ऋण की सीधे तौर पर हेराफेरी का आरोप है. सूत्रों ने बताया कि ऋण की रकम का आरोपी कंपनी से जुड़ी अन्य कंपनियों में अवैध तरीके से उपयोग किया गया.
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