हल्दिया. बदलते दौर में जहां बच्चे से लेकर बड़े तक मोबाइल पर घंटों बिता रहे हैं, वहीं किताबों से दूरी बढ़ती जा रही है. इसी प्रवृत्ति को बदलने के लिए पूर्व मेदिनीपुर जिला ग्रंथालयों ने विशेष पहल शुरू की है. जिले के 118 ग्रंथालयों में पाठक संख्या बढ़ाने और बच्चों को फिर से किताबों से जोड़ने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. पहले परिवारों में बच्चों को कहानियां सुनाकर पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता था, लेकिन अब अभिभावक व्यस्त जीवनशैली के चलते बच्चों को शांत रखने के लिए मोबाइल थमा देते हैं. इस चिंता को देखते हुए पुस्तकालयों में बच्चों की पाठ्यपुस्तकें और रुचिकर किताबें उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है. साथ ही नये आयोजनों के जरिये पाठकों को आकर्षित करने की योजना है. हाल ही में महिषादल रवींद्र ग्रंथागार की नयी आठ सदस्यीय कमेटी बनी है, जिसमें अध्यक्ष देवाशीष माइति और सचिव अरुण डिंडा समेत पंचायत व पाठक प्रतिनिधि शामिल हैं. यह कमेटी पाठकों की राय के आधार पर कदम उठायेगी. जिला ग्रंथालय अधिकारी विद्युत दास ने कहा, “हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों को पाठ्यपुस्तक और लोकप्रिय किताबें उपलब्ध हों, तभी पाठक संख्या बढ़ेगी.” नियमित पाठिका शुभ्रारानी शी का कहना है कि बिना किताब पढ़े एक दिन भी अच्छा नहीं लगता. आज की पीढ़ी को भी किताबों की ओर लौटाना होगा. वहीं पूर्व प्राध्यापक हरिपद माइति ने कहा, “पहले छात्र बड़ी संख्या में लाइब्रेरी से किताबें लेते थे, अब वह दृश्य गायब हो गया है. जरूरी है कि नयी पीढ़ी को फिर से पुस्तकालय की ओर आकर्षित किया जाए.”
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