संवाददाता, कोलकाता
फर्जी पासपोर्ट रैकेट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने महानगर स्थित विशेष अदालत में सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की है. इसमें नदिया के चाकदह निवासी इंदुभूषण हालदार समेत कुल छह आरोपियों के नाम शामिल हैं. एजेंसी के अनुसार, आरोपियों ने आयकर रिटर्न के दस्तावेजों में नाम और पैन नंबर बदलकर नये सिरे से पासपोर्ट के लिए आवेदन तैयार किये. इसी तरीके से उन्होंने सैकड़ों फर्जी पासपोर्ट बनवाये. इडी ने इस मामले में पहले आजाद मल्लिक नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो पाकिस्तान का नागरिक है. जांच के दौरान पता चला कि वह पहले बांग्लादेश के रास्ते भारत आया और यहां फर्जी पासपोर्ट बनवाया. उसके पास से पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला.
आजाद की गिरफ्तारी के बाद उसके संपर्कों की कड़ी से चाकदह में छापेमारी की गयी और वहीं से इंदुभूषण हल्दर को गिरफ्तार किया गया. सप्लीमेंटरी चार्जशीट में अन्य पांच आरोपियों का नाम भी है, जिन्हें इंदुभूषण के सहयोगी बताया गया है. एजेंसी का दावा है कि इस गिरोह ने लगभग 300 फर्जी पासपोर्ट तैयार किये. आरोप है कि इंदुभूषण और टीम आयकर रिटर्न दस्तावेजों के आधार पर नाम व पैन नंबर बदलकर पासपोर्ट आवेदन करते थे. इंदुभूषण को 14 अक्तूबर को नदिया से गिरफ्तार किया गया था. उस पर 2016 से पासपोर्ट रैकेट से जुड़े होने का आरोप है. इसके अलावा, वह आजाद मल्लिक के लिए फर्जी पासपोर्ट तैयार करने में भी शामिल था. यह रैकेट पिछले वर्ष के अंत में उजागर हुआ, जब क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने संदिग्ध दस्तावेजों की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद कोलकाता पुलिस ने प्रारंभिक जांच में रैकेट का भंडाफोड़ किया और लगभग 10 लोगों को गिरफ्तार किया. इडी का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भी जांच की जा रही है. एजेंसी के अनुसार, फर्जी पासपोर्ट तैयार करने का यह तंत्र देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है, क्योंकि इसके माध्यम से कई विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर सकते हैं.
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