कोलकाता.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विकास भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार शिक्षकों और गैर-शिक्षा कर्मियों के एक समूह की पहचान करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा है. बोर्ड ने इन लोगों को सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. यह कदम शिक्षा विभाग की शिकायत के बाद उठाया गया है. बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, 15 मई को हुए प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कानून हाथ में ले लिया. उन्हें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और विकास भवन के गेट को जबरन तोड़ने का दोषी ठहराया गया है.आरोप: गेट तोड़कर लगाया ताला, अधिकारियों को बनाया बंधक : बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने विकास भवन का मुख्य द्वार तोड़कर उस पर नये ताले लगा दिये. इससे भवन के अंदर मौजूद सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों को कई घंटों तक बाहर नहीं निकलने दिया गया. विकास भवन में स्कूल शिक्षा विभाग समेत कई अन्य विभागों के कार्यालय हैं. नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने दुर्व्यवहार और अभद्रता जारी रखी.
फुटेज से हुई पहचान, जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी :
बोर्ड ने घटना की तस्वीरों और वीडियो फुटेज के आधार पर प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों की पहचान की है. 16 मई से इन लोगों को कारण बताओ पत्र भेजा जाना शुरू हो गया है. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय के भीतर जवाब नहीं मिला, तो उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जायेगी.विकास भवन के बाहर अब भी डटे हैं कुछ प्रदर्शनकारी :
हालांकि पुलिस की कार्रवाई के बाद उस दिन का प्रदर्शन खत्म हो गया, लेकिन विकास भवन के बाहर अब भी कुछ प्रदर्शनकारी जमा हैं. इस बीच, शिक्षा बोर्ड ने कार्रवाई की शुरुआत करते हुए हमलावरों की पहचान कर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. स्थिति पर शिक्षा विभाग और प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है.एसएससी पैनल रद्द, 25 हजार से ज्यादा शिक्षक हुए बेरोजगार :
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के एसएससी भर्ती पैनल को भ्रष्टाचार के आरोप में रद्द कर दिया है, जिससे 25,735 नियुक्तियां रद्द हो गयीं. अदालत ने यह भी कहा कि इन शिक्षकों को 31 दिसंबर 2025 तक स्कूल में पढ़ाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उसके बाद उन्हें नये सिरे से परीक्षा देकर भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा. वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे दोबारा परीक्षा देने को तैयार नहीं हैं और राज्य सरकार ने उनके साथ परामर्श किये बिना ही अदालत में समीक्षा याचिका दायर कर दी. इन्हीं कारणों को लेकर वे 15 मई को सुबह से ही विकास भवन के सामने जमा हुए और विरोध प्रदर्शन को उग्र रूप दे दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है