कोलकाता. महाराष्ट्र के नागपुर में काम करने गये पश्चिम बंगाल के कई श्रमिकों पर अत्याचार और उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है. बंगालियों पर हमले और ‘बांग्ला भाषा बोलने’ को लेकर दबाव की घटनाओं ने पूरे राज्य को हिला दिया है. इसी कड़ी में विष्णुपुर विधानसभा क्षेत्र के रहनेवाले जहीरुद्दीन फकीर के परिवार में भय और बेचैनी का माहौल है. जानकारी के मुताबिक, तीन माह पहले जहीरुद्दीन अपने इलाके के 15-17 युवकों के साथ दर्जी का काम करने के लिए नागपुर गया था. शुरुआती दिनों में सब कुछ ठीक था, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से स्थिति बिगड़ गयी है. आरोप है कि कारखाने के बाहर निकलते ही बांग्ला भाषियों को निशाना बनाया जा रहा है. रास्ते और दुकानों पर यदि कोई बांग्ला भाषा बोलता है, तो स्थानीय लोग पुलिस को खबर कर देते हैं. कई बार मारपीट भी हुई है. जहीरुद्दीन के परिवार ने आरोप लगाया कि वहां बांग्ला बोलने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. कुछ दिन पहले बाजार में सामान खरीदते समय बांग्ला बोलने पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया था. इन हालात में जहीरुद्दीन ने फोन पर घरवालों से संपर्क किया और पिता से कहा कि वह अब किसी भी तरह घर लौटना चाहता है. परिवार का आरोप है कि जहीरुद्दीन के सभी दस्तावेज जब्त कर लिए गये हैं. तीन महीने से काम करने के बावजूद उसे मजदूरी भी नहीं मिली. ऐसे में बिना दस्तावेज और पैसों के वह घर कैसे लौटेगा, इसे लेकर परिवार बेहद चिंतित है. जहीरुद्दीन का गरीब परिवार अब सरकार से अपील कर रहा है कि जल्द से जल्द उसे सुरक्षित घर वापस लाया जाए.
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